जल जीवन मिशन  योजना को लेकर राजनीति   चरम पर

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भोपाल । जल जीवन मिशन के तहत सरकार जहां एक तरफ हर घर में नल से जल पहुंचाने के अभियान में जुटी हुई है, वहीं योजना को लेकर राजनीति भी चरम पर है। दरअसल, फंड के अभाव में कई जगह काम रूका हुआ है। वहीं कई जगह स्थिति यह है कि योजना कुप्रबंधन का शिकार हो गई है। इसको लेकर कांग्रेस हमलावर हो गई है। कांग्रेस ने सीएम डॉ. मोहन यादव की ओर से केंद्रीय जलशक्ति मंत्री सीआर पाटिल को लिखा एक पत्र सोशल मीडिया पर पोस्ट किया है। इसमें सीएम ने लिखा है कि बजट न मिलने से ‘हर घर नल’ से जुड़े काम नहीं हो पा रहे।

इस वित्तीय वर्ष में मप्र को 2022.34 करोड़ रु. आवंटित किए गए, पर मिले नहीं। पानी से जुड़ी जरूरतों के लिए 4455.30 करोड़ रुपए अलग से मांगे हैं। कांग्रेस का दावा है कि सीएम ने यह पत्र पिछले महीने 13 सितंबर को लिखा था। शनिवार को कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव जयराम रमेश ने सोशल मीडिया पर लिखा- ‘अगस्त 2019 में पीएम ने बड़ी धूमधाम से जल जीवन मिशन की घोषणा की। मार्च 2024 तक देश के सभी घरों में नल से पीने का पानी उपलब्ध कराने का वादा किया गया, पर अब तक वादा पूरा नहीं किया गया।’ जल जीवन मिशन के तहत गांवों में लोगों के घर तक नल से जल पहुंचाया जा रहा है। जल कितने घरों तक पहुंचा, कितना लक्ष्य बाकी है। काम में कहां खामी है, क्या शिकायतें हैं और क्या समाधान… यह सब मसले सियासत की वजह से पीछे छूटते नजर आ रहे हैं। दरअसल, प्रदेश में मिशन का काम कर रहे ठेकेदारों के करीब 1500 करोड़ अटके हैं। केंद्रीय मंत्री को लिखे पत्र में उल्लेख है कि पिछले वित्त वर्ष में 10773.41 करोड़ खर्च किए गए। मौजूदा समय में 1500 करोड़ का भुगतान लंबित है। ऐसे में इस वित्त वर्ष में लंबित भुगतान को मिलाकर 17000 करोड़ रुपए की आवश्यकता बताई गई है। नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार के अलावा भाजपा विधायक भी मामला विधानसभा में उठा चुके हैं। सांची से भाजपा विधायक डॉ. प्रभुराम चौधरी ने कहा था, अफसरों की लापरवाही से 150 से ज्यादा गांवों में पानी नहीं पहुंच रहा। भाजपा विधायक हरदीप सिंह डंग, कालू सिंह ठाकुर, संजय पाठक, अंबरीष शर्मा ने भी गड़बड़ी का मुद्दा उठाया था।

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