आसमान देख किसान के माथे पर एक बार फिर गहराई चिंता की लकीरें मावठे के आसार,अगर गिरा तो किसानों के बिगडेंगे हाल -लौटा मानसून, अगले सप्ताह से गुलाबी ठंड पकडेगी जोर

दैनिक अवंतिका उज्जैन। । मानसून लौट गया है,लेकिन बंगाल की खाडी से उठे सायक्लोन के कारण मावठे के आसार बने हैं,अगर मावठा गिरा तो किसानों के हाल और बिगड सकते हैं। खेतों में अभी फसल कटाई का दौर जारी है। इसके चलते किसानों के माथे पर चिंता की लकीर गहराई हुई है। अगले सप्ताह से गुलाबी ठंड के जोर पकडने की संभावनाएं बनी हुई है।मौसम का मिजाज बदलने लगा है। दिन में जहां धूप की वजह से उमस और गर्मी हो रही है, वहीं रात को हल्की ठंडक का अहसास होने लगा है। ऐसा इसलिए हो रहा है, क्योंकि मानसून प्रदेश से आधे से अधिक हिस्सों से लौट चुका है।  आगे मानसून बारिश की सम्भावनाएं नहीं है। जिले में अब तक औसत 33.11 इंच बारिश दर्ज की गई है। अगले कुछ दिनों में तेज गर्मी और रातें ठंडी रहेगी। जिले में अधिकतम तापमान 35 डिग्री और न्यूनतम तापमान 23 डिग्री के आसपास बना हुआ है।अभी आधी से ज्यादा फसलें कटाई के इंतजार में-किसानों के अनुसार जिले में पूर्णकालिक फसल अधिक बोई गई थी। सितंबर के अंतिम दौर में हुई बारिश के कारण ये फसलें प्रभावित हुई हैं।खेतों में पानी भरने और मिट्टी के गिला होने की स्थिति में फसल की कटाई करना मुश्किल बना हुआ था। अब जाकर खेतों में मिट्टी में हार्वेस्टर चलने जैसी स्थिति बनी है ऐसे में जिले में अभी 50 फीसदी फसलों की कटाई का काम शेष चल रहा है। उज्जैन,घट्टिया,महिदपुर,नागदा,खाचरौद क्षेत्र में अधिकांश क्षेत्रों में ये हालात रहे हैं। ऐसे में मावठा गिरता है तो किसानों के लिए नया संकट खडा हो जाने की आशंका है। इसी के कारण से किसानों की चिंता बढी हुई है। उनकी फसल या तो खेत में खडी या फिर कटाई कर खले में । ऐसे में मावठे की बारिश होने पर हर हाल में किसान को नुकसान होना है। फसल खेत में खडी है और बारिश होती है तो फली फूटने की स्थिति बनेगी और खले में पडी फसल में पानी लगा तो फसल दागदार होने पर भी नुकसान होगा। किसानों से समर्थन मुल्य पर एफएक्यू फेयर एवरेज क्वालिटी की उपज ही खरीदी जाना है।साईक्लोन का संकट-शासकीय जीवाजी वेधशाला अधीक्षक डा.राजेन्द्र प्रकाश गुप्त बताते हैं कि बंगाल की खाडी से उठा सायक्लोन वैसे तो छत्तीसगढ तक ही प्रभावी रहने वाला है। पूर्वी मध्यप्रदेश तक आते-आते यह कमजोर पड जाएगा, लेकिन हाल ही में हुई वर्षा से नमी की स्थितियों में बादल बरस सकते हैं। अगर यह बरसे भी तो एक दो दिन हल्की फुल्की बारिश के ही आसार रहेंगे।इस बार भी दशहरा पर बारिश के आसार-मौसम वैज्ञानिकों की माने तो इस बार दशहरे से पहले मानसून पूरी तरह विदा हो जाएगा। दशहरा 12 अक्टूबर को है। पिछले 2 साल से नवरात्रि और दशहरे पर बारिश हो रही है, इस बार भी बंगाल की खाडी से उठे साईक्लोन के कारण इसके आसार से इंकार नहीं किया जा सकता है। जानकारों के अनुसार अगले 2 से 3 दिन में मध्यप्रदेश, महाराष्ट्र और गुजरात के बाकी जिलों से भी मानसून लौट जाएगा। दक्षिण-पश्चिम बंगाल की खाड़ी, दक्षिण तमिलनाडु और दक्षिण केरल के ऊपर साइक्लोनिक सर्कुलेशन से ट्रफ भी गुजर रही है। 9 अक्टूबर से लक्ष्यद्वीप की तरफ निम्न दाब क्षेत्र के एक्टिव होने की संभावना है।20-21 अक्टूबर से बढ़ेगी ठंडक-मौसम विभाग के अनुसार, 20 अक्टूबर तक प्रदेश में ठंडक बढ़ने का अनुमान है। रात में पारा 20 डिग्री सेल्सियस के नीचे पहुंच सकता है। हालांकि, दिन में तापमान 33-34 डिग्री के बीच ही रहेगा। अक्टूबर के आखिरी में दिन के तापमान में भी गिरावट होने लगेगी। मौसम विज्ञानी अजय शुक्ला बताते हैं कि बंगाल की खाड़ी में जो सिस्टम बना हुआ था, वह कमजोर पड़ गया है। आर्द्रता भी कम होने लगी है और हवा का रुख भी बार-बार बदल रहा है। अगले सप्ताह तक प्रदेश वासियों को गुलाबी ठंड का अहसास होने लगेगा।रात में गुलाबी ठंड दिन में उमस बरकरार रहेगी-मौसम विशेषज्ञों के अनुसार, वर्तमान में हवा पश्चिमी-उत्तरी है, लेकिन अब हवा के रुख में परिवर्तन देखने को मिल रहे हैं। यही वजह है कि रात का तापमान बढ़ नहीं रहा है। अगले सप्ताह तक यह 20 डिग्री तक पहुंच जाएगा। हालांकि दिन में धूप की वजह से गर्मी और उमस बरकरार रहेगी।