27 कि.मी. की परिधि में बने मंदिरों में होगी पूजा, चौबीस खंबा माता महालाया-महामाया को चढ़ाई शराब की धार

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उज्जैन। नवरात्रि की महाअष्टमी पर धार्मिक नगरी में सुख-समृद्धि और मंगल कामना को लेकर राजा विक्रमादित्य काल से नगर पूजा की परंपरा को निभाया जा रहा है। अब प्रशासन की ओर से नगर पूजा की जा रही है। आज सुबह नगर पूजा की शुरूआत चौबीस खंबा माता मंदिर से माता महालाया-महामाया को शराब की धार चढ़ाई की गई। इस बार नगर पूजा सुबह 7 बजे के लगभग की गई, जो चर्चा का विषय भी बन गई।

चौबीस खंबा माता मंदिर पर सुबह 6 बजे से नगरपूजा के लिये श्रद्धालुओं का पहुंचना शुरू हो गया था। 7.30 बजे कलेक्टर नीरज कुमार सिंह ने माता महामाया-महालाया को शराब की धार अर्पित की और पूजा अर्चना की। उसके बाद प्रशासनिक अधिकारी और कोटवार पैदल माता ध्वज लेकर 27 किलोमीटर की परिधि में बने देवी मंदिरों के साथ भैरव मंदिरों में पूजा के लिये निकल पड़े है। नगर पूजा का समापन रात 8 बजे अंकपात मार्ग स्थित हांडी फोड़ भैरव मंदिर पहुंचकर होगा। चौबीस खंबा माता मंदिर से शुरू हुई नगर पूजा में लगातार मदिरा की धार बहेगी। 40 मंदिरों में पूजा के दौरान माता मंदिरों में चुनरी के साथ बडबाकल (भजिये, पूड़ी, सिंदूर के साथ श्रृंगार की सामग्री) अर्पित की जायेगी। भैरव मंदिरों में मदिरा की धार चढ़ेगी।

बिना ढोल नगाड़ों के हुई पूजा की शुरुआत
प्रशासन की ओर से की जाने वाली शासकीय नगर पूजा कलेक्टर द्वारा की जाती है जिसका समय सुबह 8 बजे होता है इस बार कलेक्टर ने समय से 40 मिनट पहले ही पूजा की। जिस तरह प्रतिवर्ष पूजा के दौरान ढोल नगाड़े बजाए जाते हैं और माता का श्रृंगार किया जाता है वैसा दिखाई दिया नहीं। जानकारी सामने आई की रात को गृह नगर आए मुख्यमंत्री ने सुबह भोपाल रवाना होने से पहले अधिकारियों की बैठक आयोजित की थी जिसमें कलेक्टर को शामिल होना था। जिसके चलते समय से पहले नगर पूजा संपन्न कर ली गई। जिसको लेकर कई तरह की चर्चा भी सुनाई दी।

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