नकली नोट मामले मेंं इंदौर के कुख्यात बदमाश की इंट्री

उज्जैन। नकली नोट मामले की पड़ताल में अब इंदौर के कुख्यात बदमाश की इंट्री हुई है। नोट छापने के मामले का मुख्य आरोपी चौकीदार होना सामने आया है। जिसने देवास में रहने वाले अपने साडू भाई को ही फंसाने का प्लान तैयार कर लिया था। गुरूवार को पुलिस ने चौकीदार और इंदौरी बदमाश को न्यायालय में पेश कर 1 दिन का रिमांड लिया है। चिमनगंज थाना एसआई विकास देवड़ा ने बताया कि थाना क्षेत्र से एक अधेड़ व्यक्ति को सौ का नकली नोट चलाते हुए पकड़ा था। जिससे पूछताछ में नकली नोट छपाने का मामला सामने आया था। अधेड़ ने अपना नाम भैरूलाल पिता पन्नालाल सोलंकी निवासी सनराइज सिटी नागझिरी बताया। उसका कहना था कि उसे नोट देवास में रहने वाले साडू भाई पिंटू मालवीय ने दिये है। मामले की पड़ताल शुरू की गई और पिंटू को पूछताछ के लिये लाया गया, लेकिन उसकी कोई भूमिका होना सामने नहीं आया। पिंटू का कहना था कि उसे साडू भाई ने कुछ समय प्रिंटर बेचा था, वह फोटो कॉपी का काम करता है। पिंटू के संबंध में तस्दीक के बाद उसका नोट छापने में हाथ होना सामने नहीं आया। भैरूलाल सोलंकी से सख्त पूछताछ शुरू की गई, जिसे मिले सुराग के बाद कानीपुरा मल्टी में रह रहे पप्पू उर्फ रामनरेश पिता दौलतसिंह चौहान को हिरासत में लिया। पप्पू उर्फ रामनरेश इंदौर के नंदानगर का रहने वाला है और कुख्यात बदमाश है। उसके खिलाफ 22 से अधिक मामले दर्ज है। वह भी नकली नोट मामले में शामिल होना सामने आया है। एसआई देवड़ा के अनुसार दोनों को गुरूवार दोपहर कोर्ट में पेश किया गया था, जहां से एक दिन की रिमांड पर लिया गया है। अब तक 11 हजार के नोट बरामद किये जा चुके है, जो सौ रूपये के है।
काफी शातिर है चौकीदार भैरूलाल
बताया जा रहा है कि नकली नोट के साथ गिरफ्त में आया भैरूलाल सोलंकी मूलरूप से विजयागंज मंडी के पास का रहने वाला है। वह सनराइज सिटी नागझिरी में चौकीदारी का काम करता है। उसने कलर प्रिंटर से पहले ही कई नोट छाप लिये थे, उसके बाद देवास में रहने वाले साडू भाई पिंटू मालवीय को पकडने जाने पर फंसाने का प्रयास किया। वह 3-4 दिनों तक पुलिस को बरगलाने का काम भी करता रहा। लेकिन पुलिस सख्ती के आगे उसकी नहीं चल सकी। अब पुलिस रिमांड पर उससे अन्य जानकरी जुटाने का प्रयास कर रही है।
दुकानदार ने पुलिस को दी थी सूचना
भैरूलाल ने पूर्व में नोट छापकर बाजार में चलाने का प्रयास किया, लेकिन लोगों को नोट देखकर शंका होने लगी थी। उसने कुछ दिन तक नोट अपने पास रखे फिर फेरी लगाकर सब्जी बेचने और फल वालों को ठिकाने लगाने का काम शुरू किया। लेकिन कुछ दिन बाद फिर शंका के घेरे में आ गया। उसके बाद वह नागझिरी क्षेत्र छोड़कर चिमनगंज थाना क्षेत्र में नोट चलाने के लिये आ गया, लेकिन एक दुकानदार को श्ांका हुई तो उसने पुलिस को सूचना दी और गिरफ्त में आने के बाद नकली नोट मामले का खुलासा हो गया।