जीतू पटवारी का घर घर जाकर भोजन करने की रणनीति पर कार्य शुरू, अब कभी भी हो सकती है प्रदेश कार्यकारणी घोषित
कांग्रेस को 24 घंटे कार्य करने की नियति लानी होगी
इंदौर। जीतू पटवारी ने कांग्रेस के रिवाइवल के लिए अपना सारा जोर लगा दिया है। एक तरफ जहां वह मैदान में संघर्ष कर कांग्रेस कार्यकर्ताओं का मनोबल ऊंचा करना चाहते हैं तो दूसरी तरफ संगठन को मजबूत करने के लिए वो लगातार प्रयत्नशील है।
इसके अलावा इन दिनों जीतू पटवारी ने विजयपुर और बुधनी विधानसभा उपचुनाव के लिए भी मोर्चा संभाल लिया है। दोनों विधानसभा सीटों पर 20 नवंबर को वोट पड़ने वाले हैं। दरअसल, जीतू पटवारी आरएसएस और भाजपा की कार्यशैली को जानते हैं।
इसलिए उन्हें पता है कि जब तक कांग्रेस के संगठन को नीचे तक मजबूत नहीं किया जाएगा तब तक प्रदेश में भाजपा का मुकाबला नहीं किया जा सकता।
दरअसल, विधानसभा और लोकसभा चुनाव में मिलने के बाद कांग्रेस में हर स्तर पर मंथन चल रहा है। पूरा जोर इस बात पर है कि संगठन को मजबूत बनाया जाए। इसके लिए अब पंचायत स्तर पर संगठन को सशक्त बनाया जाएगा। यहां कमेटी बनाई जाएगी, जो पार्टी की बात गांव-गांव तक पहुंचाएंगी। इसमें पंचायत क्षेत्र के वरिष्ठ कार्यकर्ताओं को रखा जाएगा।
चुनाव में हार को लेकर अब तक हुई समीक्षा में संगठन का ताना-बाना कमजोर होने की बात सामने आई है। जिला प्रभारियों ने संगठन की कमजोरी और आपसी तालमेल की कमी को हार का बड़ा कारण बताया।
इसके साथ ही यह भी कहा गया कि पार्टी के कार्यक्रम प्रदेश स्तर से पहले बूथ और वार्ड स्तर से प्रारंभ हों। इसे देखते हुए पंचायत स्तर पर कमेटी बनाने की तैयारी की जा रही है।
अधिकतम पांच लोगों की यह कमेटी होगी, जो गांव में पार्टी की रीति-नीति को नीचे तक पहुंचाने का काम करेंगे। घर-घर संपर्क अभियान भी चलाएंगे।
दरअसल, संगठन को और मजबूत करने की दिशा में सभी स्तर पर मंथन चल रहा है। जल्दी ही परिणाम सामने आएंगे।
सूत्रों के अनुसार प्रदेश कांग्रेस कमेटी का गठन एक-दो दिन में कर दिया जाएगा। प्रदेश कांग्रेस प्रभारी और राष्ट्रीय महासचिव भंवर जितेंद्र सिंह सूची का ऐलान करेंगे।
सूत्रों के अनुसार प्रदेश कांग्रेस कमेटी के गठन में सबसे अधिक तवज्जो जीतू पटवारी को ही मिली है। कांग्रेस सभी 10 संभागों से एक-एक नेता को उपाध्यक्ष बनने वाली है। इसके अलावा 55 जिलों से 55 महासचिव बनाए जाएंगे। इतने ही सचिव भी बनाए जाएंगे। जीतू पटवारी की कार्यकारिणी में कोई भी कार्यकारी अध्यक्ष नहीं रहेगा। उपाध्यक्षों को महत्व दिया जाएगा।
सभी उपाध्यक्षों को एक-एक संभाग का प्रभार दिया जाएगा। प्रदेश कांग्रेस कमेटी की औसत आयु 45 से 50 वर्ष रहेगी। क्षेत्रीय संतुलन का भी ध्यान रखा गया है। इसके अलावा प्रदेश कांग्रेस कमेटी की सूची में सभी जातियों को प्रतिनिधित्व मिले यह भी सुनिश्चित किया गया है।
उम्मीद की जा रही है कि जीतू पटवारी की कार्यकारिणी में मालवा और निमाड़ आंचल को पर्याप्त महत्व मिलेगा।