ईडी की पीएफआई पर बड़ी कार्रवाई- 56 करोड़ रुपये की कुल 35 अचल संपत्तियां की जब्त

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ब्रह्मास्त्र नई दिल्ली

प्रवर्तन निदेशालय ने धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए), 2002 के प्रावधानों के तहत कई ट्रस्टों, कंपनियों और व्यक्तियों के नाम पर पॉपुलर फ्रंट आॅफ इंडिया (पीएफआई) के स्वामित्व और नियंत्रण वाली 35.43 करोड़ रुपये की 19 अचल संपत्तियों को कुर्क किया है।

जानकारी के मुताबिक जांच एजेंसी ने 16 अक्टूबर को इन संपत्तियों को कुर्क किया। इससे पहले, ईडी ने 16 अप्रैल को 21.13 करोड़ रुपये मूल्य की 16 अचल संपत्तियों को भी कुर्क किया था। पॉपुलर फ्रंट आॅफ इंडिया (पीएफआई) और अन्य मामले में अब तक एजेंसी की तरफ से 56.56 रुपये की कुल 35 अचल संपत्तियां कुर्क की गई हैं।

प्रवर्तन निदेशालय ने इस मामले में कहा कि प्रतिबंधित आतंकवादी संगठन पॉपुलर फ्रंट आॅफ इंडिया (पीएफआई) भारत में एक जिहाद के माध्यम से इस्लामी आंदोलन बनाने के लिए काम कर रहा था, जिसमें अहिंसक हवाई हमले और गुरिल्ला थिएटर के अलावा क्रूरता और दमन के कई तरीके शामिल थे। संघीय एजेंसी ने एक बयान जारी कर कहा कि उसने संगठन और उससे जुड़ी संस्थाओं के खिलाफ चल रही जांच के तहत 35 करोड़ रुपये से अधिक की नई संपत्तियां कुर्क की हैं, जो कई ट्रस्टों, कंपनियों और व्यक्तियों के नाम पर पीएफआई के लाभकारी स्वामित्व और नियंत्रण में हैं।

ईडी और एनआईए ने देश भर में की छापेमारी
ईडी, राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) और कई राज्य पुलिस बलों की तरफ से इसके पदाधिकारियों और प्रतिष्ठानों के खिलाफ देश भर में छापेमारी करने के बाद सितंबर 2022 में केंद्र ने पीएफआई पर प्रतिबंध लगा दिया था। ईडी ने आरोप लगाया कि 2006 में केरल में गठित लेकिन दिल्ली में मुख्यालय वाले पीएफआई के वास्तविक उद्देश्य इसके संविधान में बताए गए उद्देश्यों से अलग हैं। पीएफआई के वास्तविक उद्देश्यों में जिहाद के माध्यम से भारत में इस्लामी आंदोलन को अंजाम देने के लिए एक संगठन का गठन करना शामिल है, हालांकि पीएफआई खुद को एक सामाजिक आंदोलन के रूप में पेश करता है।

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