नकली मावा और मिठाईयों में निकल रहे कीड़े…..इसलिए दूरी बनाने लगे है लोग, पारंपरिक मिठाईयों पर अभी भी है महिलाओं को विश्वास
उज्जैन। एक ओर लोग जहां दीपावली के त्योहार को मनाने की तैयारियां कर रहे है तो वहीं बाजारों से मिठाई और मावा भी खरीदने का सिलसिला जारी है लेकिन जिस तरह से बाजारों में नकली मावा मिलने और मिठाईयों में कीड़े निकलने के मामले सामने आ रहे है उससे अधिकांश लोगों ने इन दोनों वस्तुओं से न केवल दूरी बनाने लगे है वहीं महिलाओं की यदि माने तो उन्हें अभी भी बाजारों की मिठाईयों की अपेक्षा घर में बनने वाली पारंपरिक मिठाइयों पर विश्वास है ।
यही कारण है कि दीपावली पर मेहमानों का मुंह मीठा कराने के लिए न केवल घरों में पारंपरिक मिठाईयां और नमकीन बनाने का सिलसिला शुरू हो गया है । वहीं किराना सामग्री की दुकानों से बेसन, रवा, मैदा और वे अन्य सामग्री खरीदी जा रही है जो घर में बनाने वाले नमकीन व मिठाईयों आदि में उपयोगी होती है। बता दें कि बीते कुछ दिनों से नकली मावा मिलने के साथ ही बड़ी और नामी दुकानों पर मिलने वाली मिठाईयों में कीड़े निकलने के मामले सामने आ रहे है। हालांकि खाद्य विभाग का अमला लगातार कार्रवाई कर सैंपल लेने का काम कर रहा है लेकिन बावजूद इसके नकली मावा मिलने की खबर सामने आ रही है।
क्या कहती है महिलाएं
ब्रह्मास्त्र से चर्चा करते हुए कुछ महिलाओं ने बताया कि वैसे तो गूंजे बनाने या अन्य मिठाइयां बनाने के लिए मावा जरूरी होता है लेकिन जिस तरह से बासी और मिलावटी मावा मिलने की जानकारी मिल रही है उससे मावे का उपयोग नहीं करने का मन बना लिया है। इसके चलते बगैर मावे के ही गूंजे जैसी मिठाई वे बना रही है। इसी तरह कुछ महिलाओं ने यह भी बताया कि बाजार से मिठाई न केवल महंगी मिलती है वहीं क्वालिटी पर भी संशय बना हुआ है इसलिए घर में पारंपरिक मिठाई बनाना ज्यादा बेहतर रहता है और घर में बनी मिठाई जल्दी खराब भी नहीं होती है।