गिरफ्त में दिमागी रूप से बीमार युवती को अगवा करने वाले आरोपी
उज्जैन। दिमागी रूप से बीमार युवती को अगवा कर बेचने की फिराक में घूमने वाले 3 आरोपियों को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। आरोपियों में एक महिला शामिल है, जो लिवइन में रह रही है। पुलिस ने तीनों को कोर्ट में पेश कर जेल भेजा है। माधवनगर थाना क्षेत्र के देसाईनगर में रहने वाली 22 वर्षीय युवती दिमागी रूप से बीमार है, 24 अक्टूबर को घर से निकली थी और टॉवर तक पहुंच गई थी। जहां से लापता हो गई। परिजनों ने उसकी गुमशुदगी दर्ज कराई। पुलिस ने कैमरों के फुटेज खंगालना शुरू किये तो टॉवर तक आती दिखाई दी। टॉवर चौक पर लगे कैमरे देखने पर युवती को एक महिला और 2 लोगा ई-रिक्शा से नानाखेड़ा तक लेकर पहुंचे। पुलिस ने ई-रिक्शा को ट्रेस किया और चालक जितेन्द्र निवासी शिवसिटी से पूछताछ की, उसने युवती और तीनों लोगों को लौहारपट्टी तक छोड़ना बताया। पुलिस ने आसपास तलाश शुरू की। लौहार पट्टी से कैमरे में दिखे एक युवक गोविंद कुशवाह निवासी ग्राम मदाना सरसलाई हाल मुकाम लौहार पट्टी को ट्रेस कर लिया गया। उससे पूछताछ में सामने आया कि युवती को मंगूबाई उर्फ पूजा परमार 40 और शंभुलाल पिता निर्भयलाल बमनावत 28 वर्ष निवासी भीमाखेड़ा महिदपुर हाल मुकाम लौहार पट्टी अपने साथ आगर सुसनेर लेकर गये है। जहां उसको बेचने वाले है। एसआई पवन वास्कले ने बताया कि इतनी जानकारी सामने आने पर मांगूबाई और शंभुलाल की मोबाइल लोकेशन ट्रेस की गई, दोनों के युवती को आगर से उज्जैन लेकर आने की लोकेशन मिलने पर इंदौररोड महावीर बाग के आसपास घेराबंदी की गई, जहां से दोनों को हिरासत में लिया गया। 2 दिन में मामला ट्रेस होने पर तीनों के खिलाफ अपहरण और मानव दुर्व्यवहार की धारा बढ़ाकर न्यायालय में पेश किया गया। मंगूबाई को जेल भेजने के बाद शंभुलाल और गोविंदा को एक दिन के रिमांड पर लिया गया। सोमवार को रिमांड खत्म होने पर उन्हे भी जेल भेजा गया है।
सौदा कर शादी करना चाहते थे आरोपी
एसआई वास्कले ने बताया कि दिमागी रूप से बीमार युवती को अगवा करने के बाद आरोपी उसका सौदा करना चाहते थे। वह शादी कराने के नाम पर मोटी रकम लेने की फिराक में थे, आगर-ससुनेर में उन्होने कुछ जगह संपर्क किया था, लेकिन युवती की दिमागी हालत ठीक नहीं होने पर किसी ने शादी के लिये रजामंदी नहीं दी, जिसके चलते उन्हे वापस उज्जैन लौटना पड़ गया। मंगूबाई और शंभुलाल लिवइन में रहते है।