कार्तिक में प्रजा का हाल जानने निकले महाकाल

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– कलेक्टर, एसपी व प्रशासक ने किया पूजन, पालकी में श्री मनमहेश के दर्शन

 

दैनिक अवंतिका उज्जैन। 

कार्तिक मास में सोमवार को भगवान महाकाल प्रजा का हाल जानने के लिए चांदी की पालकी में सवार होकर निकले। महाकाल ने चांदी की पालकी में श्री मनमहेश रूप में दर्शन दिए। शाम 4 बजे सवारी शुरू हुई इसके पूर्व मंदिर के सभा मंडप में हुए पूजन में मुख्य रूप से कलेक्टर नीरज कुमार सिंह, एसपी प्रदीप शर्मा, मंदिर प्रशासक गणेश कुमार धाकड़ सपरिवार शामिल हुए। 

पूजन शासकीय पुजारी पं. घनश्याम शर्मा ने संपन्न कराया। इसके बाद जयकारों के बीच कहारों ने बाबा की पालकी उठाई। मंदिर के मुख्य प्रवेश द्वार पर सशस्त्र पुलिस के जवानों ने राजाधिराज महाकाल को सलामी दी। इसके बाद सवारी नगर भ्रमण के लिए निकली। पालकी के साथ पुजारी बाला गुरु, विकास गुरु, नीतू गुरु आदि चल रहे थे। मंदिर समिति के सहायक प्रशासक मूलचंद जूनवाल सहित मंदिर के पंडे-पुजारियों का दल बाबा की पालकी के साथ व्यवस्था बनाते हुए निकला।

रामघाट पर पूजन के बाद गणगौर

दरवाजे के नीचे से निकली पालकी

सवारी गुदरी चौराहा, बक्षी बाजार, कहारवाड़ी होकर रामघाट पहुंची। यहां मां शिप्रा के जल से बाबा का अभिषेक-पूजन हुआ इसके बाद सवारी रामघाट से गणगौर दरवाजा के नीचे से होकर निकली व आगे कार्तिक चौक, ढाबा रोड, छत्री चौक, गोपाल मंदिर, पटनी बाजार, गुदरी होकर देर शाम वापस मंदिर लौटी।

कार्तिक मास की दूसरी 

सवारी 11 नवंबर को 

इस बार ‎कार्तिक एवं अगहन माह में कुल 5 सवारियां निकलेगी। पहली सवारी निकलने के बाद अब कार्तिक मास की दूसरी सवारी 11 नवंबर को आएगी।‎ तीसरी सवारी अगहन मास की होगी जो 18 नवंबर और इसके बाद प्रमुख राजसी सवारी 25 नवंबर को‎ निकलेगी। इस बीच हरिहर मिलन की सवारी भी 14 नवंबर को निकलेगी। 

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