दैनिक अवन्तिका इंदौर
आयुर्वेद डॉक्टर बनने के लिए अब 12वीं कक्षा पास करने की जरूरत नहीं होगी। दसवीं कक्षा पास करने के बाद इअटर (बैचलर आॅफ आयुर्वेदिक मेडिसिन एंड सर्जरी) में स्टूडेंट्स दाखिला ले सकेंगे। बता दें 10वीं के बाद इअटर में एडमिशन लेने वाले स्टूडेंट्स के लिए अलग से नीट यूजी परीक्षा आयोजित की जाएगी। विभागीय अफसरों की मानें तो 10वीं के बाद बीएएमएस की पढ़ाई कराने वाले इस पाठ्यक्रम के लिए हर राज्य में एक-दो संस्थान ही पात्र होंगे। ये संस्थान आयुर्वेद गुरुकुलम के नाम से जाने जाएंगे। मौजूदा आयुर्वेद संस्थानों को आयुर्वेद गुरुकुलम में या आयुर्वेद गुरुकुलम को अन्य संस्थानों में परिवर्तित करने की अनुमति नहीं दी जाएगी। स्टूडेंट्स को यहां रहकर पढ़ाई करनी होगी। इनका अस्पताल भी अलग से होगा। यह पाठ्यक्रम साढ़े सात साल का होगा। हर साल शिक्षण सत्र अक्टूबर से शुरू होगा। भारतीय चिकित्सा पद्धति राष्ट्रीय आयोग (एनसीआइएसएम) ने इस संबंध में अधिसूचना जारी कर दी है।