आने वाले समय में इंदौर बन सकता है रेडीमेड गारमेंट का हब, इंदौर और आस-पास तेजी से हो  रहा है औद्योगिक विकास

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इंदौर। देश में सबसे स्वच्छ शहर का तमगा हासिल करने वाला इंदौर आगामी समय में जल्द ही रेडीमेड गारमेंट का हब बन सकता है। दरअसल देश की कई नामी कंपनियां इंदौर में निवेशकरने के लिए तैयार है। बता दें कि सूबे के सीएम डॉक्टर मोहन यादव न केवल इंदौर बल्कि उज्जैन और मालवांचल के साथ ही पूरे प्रदेश में औद्योगिक विकास के लिए प्रयासरत है और यही कारण हैकि रेडीमेड गारमेंट के क्षेत्र में नामी कंपनियां इंदौर में अपने उद्योग खोलने में रुचि ले रही है।
मिनी मुंबई के रूप में ख्यात इंदौर और उसके आसपास तेजी से औद्योगिक विकास हो रहा है। दरअसल, इन दिनों मप्र में औद्योगिक विकास की नई लहर देखने को मिल रही है। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने प्रदेश में औद्योगिक विकास की जो पहल की है उसके परिणाम स्वरूप मप्र में निवेश करने के लिए औद्योगिक घरानों में होड़ लग गई है। इसका परिणाम यह हुआ है कि इंदौर में गारमेंट उद्योग लगाने के लिए कई कंपनियों ने इच्छा जाहिर की है। इसको देखते हुए संभावना जताई जा रही है कि इंदौर आने वाले समय में रेडीमेड गारमेंट का हब बन सकता है।
  औद्योगिक इकाइयों का भूमिपूजन किया है

औद्योगिक विकास को साझा जिम्मेदारी मान रही मोहन यादव सरकार प्रदेश में नए निवेश के लिए अवसर पैदा करने के साथ नई यूनिट्स के शिलान्यास पर फोकस कर रही है। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव कह चुके हैं कि ऐसे कामों में न केवल सरकार की भूमिका है, बल्कि स्थानीय व्यवसायों, समाज और शिक्षा संस्थानों का भी सक्रिय रूप से शामिल होना आवश्यक है। यह समावेशी विकास की दिशा में एक ठोस कदम है, जो सभी वर्गों को साथ लेकर चलने का प्रयास करता है। इसी के चलते प्रदेश में औद्योगिक गतिविधियों को बढ़ावा देने के लिए मोहन सरकार ने औद्योगिक इकाइयों का भूमिपूजन किया है। सरकार ने इंडस्ट्रियल कॉन्क्लेव के जरिये औद्योगिक इकाइयों के भूमिपूजन और लोकार्पण का सिलसिला उज्जैन से शुरू किया है, जो जबलपुर, ग्वालियर, सागर के बाद रीवा में हुई कॉन्क्लेव तक जारी रहा है।

दो कंपनियों ने 2500 करोड़ रुपये का निवेश करने में रुचि दिखाई
अब शहडोल, नर्मदापुरम और नीमच में इंडस्ट्रियल कॉन्क्लेव की तैयारी में सरकार जुट गई है। कपड़ा मिलों की पहचान रहा इंदौर अब रेडीमेड गारमेंट का हब बनने जा रहा है। इंदौर से 110 किमी दूर बदनावर के पास पीएम मित्र (प्रधानमंत्री मेगा इंटीग्रेटेड टेक्सटाइल रीजन एंड अपैरल) पार्क प्रोजेक्ट में गुजरात और कोलकाता की दो कंपनियों ने 2500 करोड़ रुपये का निवेश करने में रुचि दिखाई है। इनमें से एक गुजरात की अरविंद मिल कंपनी है, जो कि वस्त्र निर्माण की इकाई लगाने की तैयारी में है। कंपनियों के प्रतिनिधियों ने जमीन का निरीक्षण भी किया है, वहीं कोलकाता की एक अन्य कंपनी भी यहां होजयरी के कई बड़े ब्रांड के लिए होजयरी वस्त्रों के निर्माण का प्लांट भी लगाएगी। इसके साथ ही यहां पर प्रदेश सहित देशभर से कई छोटी बड़ी 22 कंपनियां भी आने की तैयारी में हैं। इसका फायदा रोजगार के सृजन से होगा। पीएम मित्र पार्क का काम इसी वर्ष जनवरी में शुरू हुआ है, जिसे आगामी ढाई वर्ष में पूरा किया जाना है। करीब दो हजार एकड़ में बने रहे इस पार्क की लागत लगभग 1600 करोड़ रुपये है। पिछले कुछ समय में तमिलनाडु, गुजरात, राजस्थान और प्रदेश की 22 से अधिक छोटी-बड़ी कंपनियों ने पीएम मित्र पार्क का विजिट किया और निवेश में रुचि दिखाई है। इसमें से कुछ कंपनियों के साथ बातचीत अंतिम दौर में है। आने वाले समय टेक्सटाइल से जुड़ी अन्य बड़ी कंपनियां भी विजिट करने आने वाली हैं। अभी तक 22 से अधिक कंपनियों ने पीएम मित्र का विजिट किया है। इन कंपनियों द्वारा यहां 9462 करोड़ रुपये से अधिक का निवेश करने की संभावना है, जिससे 25 हजार से अधिक लोगों को सीधे तौर पर रोजगार मिलेगा।

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