महू में नेताओ की अपनी अपनी ढाल अपना – अपना राग, सक्रिय सदस्य बनाने को लेकर भी आपसी फुट नजर आई
इंदौर। विधानसभा क्षेत्र इन दिनों भाजपा की गुटबाजी के लिए चर्चित हो रहा है। पूर्व मंत्री और विधायक उषा ठाकुर तथा प्रदेश के कैबिनेट मंत्री कैलाश विजयवर्गीय के समर्थकों के बीच का विभाजन तो पिछले एक साल से चर्चा का विषय है ही।
अब इसमें राज्यसभा सदस्य कविता पाटीदार का भी एक एंगल जुड़ गया है। दरअसल, महू में सदस्यता अभियान भी भाजपा के विभिन्न गुटों ने अपने हिसाब से चलाया। प्राथमिक सदस्यता अभियान के बाद पार्टी अब सक्रिय सदस्य बनने में लगी हुई है।
यही सक्रिय सदस्य भाजपा के किसी भी स्तर की यूनिट के पदाधिकारी बन सकते हैं। अर्थात यदि किसी पदाधिकारी भी बनना है तो उसके लिए सक्रिय सदस्यता जरूरी है।
सक्रिय सदस्य बनने की अनिवार्य शर्त यह है कि उस नेता ने कम से कम सौ प्राथमिक सदस्य बनाए हों।
जाहिर है संगठन पर कब्जा करने के लिए भाजपा का प्रत्येक नेता चाहता है कि उसके अधिक से अधिक समर्थक सक्रिय सदस्यता लें।
महू विधानसभा क्षेत्र में सांसद कविता पाटीदार और विधायक उषा ठाकुर यही कर रही हैं।
दोनों के सदस्यता अभियान अलग-अलग और समानांतर चल रहे हैं। हाल ही में सांसद कविता पाटीदार ने अपने निवास पर बुलाकर अनेक भाजपा के उषा ठाकुर विरोधी नेताओं को सक्रिय सदस्यता खुद प्रदान की।
दरअसल, उषा ठाकुर का सदस्यता अभियान सिलेक्टिव तरीके से चल रहा है। उन्हें लगता है कि जिन लोगों ने विधानसभा चुनाव में उनका काम नहीं किया उन्हें सक्रिय सदस्य नहीं बनाना चाहिए।
इसी वजह से उनके समर्थक मंडल अध्यक्ष अपने हिसाब से सक्रिय सदस्य बना रहे हैं। ऐसे में उषा ठाकुर विरोधी नेताओं ने कविता पाटीदार की शरण ली है।
कविता पाटीदार न केवल राज्यसभा की सदस्य हैं बल्कि प्रदेश की महासचिव भी हैं। जाहिर है इससे एक बार फिर भाजपा के भीतर मचा घमासान उजागर हुआ है। महू विधानसभा क्षेत्र में भाजपा के पांच मंडल हैं। इन सभी मंडलों पर उषा ठाकुर का कब्जा है।
उषा ठाकुर इस कब्जे को बरकरार रखना चाहती हैं जबकि कविता पाटीदार चाहती हैं कि उनके समर्थक मंडल अध्यक्ष बनें। कविता पाटीदार का राज्यसभा का कार्यकाल 2028 तक का है।
इसी वर्ष विधानसभा चुनाव भी होंगे। जाहिर है कविता पाटीदार अगला विधानसभा चुनाव लड़ने की तैयारी कर रही हैं। उनके समर्थक मुखरता से यह बात हर जगह कह रहे हैं।
ग्रामीण जिला अध्यक्ष चिंटू वर्मा कैलाश विजयवर्गीय के समर्थक माने जाते हैं। इस वजह से भी उषा ठाकर ने सदस्यता अभियान की कमान खद अपने हाथों में ली है।