छोटी दीपावली से पहले सुनाई दी धमाको की गूंज चरक भवन के सामने रात 1.30 बजे पटाखों की दुकानों में लगी आग
उज्जैन। छोटी दीपावली से पहले सोमवार-मंगलवार रात अस्थाई पटाखा दुकानों में आग लग गई। पटाखों की गंूज से आसपास के लोग दहशत में आ गये। चरक भवन के सामने लोगों की भीड़ जमा हो गई। नगर निगम की फायर बिग्रेड टीम ने 1 घंटे की मशक्कत के बाद आग पर काबू पाया।
दीपावली से पहले प्रशासन ने चरक भवन के सामने सामाजिक न्याय परिसर में 100 के लगभग अस्थाई पटाखा दुकानों के लायसेंस जारी किये थे। दुकाने छोटी दीपावली 12 नवम्बर तक लगाई जाना थी। मंगलवार को छोटी दीपावली का पर्व था, उससे पहले सोमवार-मंगलवार रात डेढ़ बजे के लगभग अचानक सामाजिक न्याय परिसर में धमाको की गूंज सुनाई देने लगी। पहले लगा कि कोई अतिशबाजी कर रहा है, लेकिन कुछ देर बाद ही धमाको की आवाज काफी तेज हो गई, लोग दहशत में आ गये। चरक भवन में उपचार के लिये भर्ती मरीज और उनके परिजन बाहर निकल आये। सामाजिक न्याय परिसर के आसपास रहने वाले भी बाहर आ गये थे। यहां लगी 2 दुकानों में भीषण आग लगी थी, दुकानों में रखे राकेट उड़ रहे थे। चकरी घूम रही थी। आगजनी की खबर पर देवासगेट, कोतवाली थाना पुलिस पहुंच गई थी। नगर निगम की फायर बिग्रेड भी आग पर काबू पाने के लिये आ चुकी थी, लेकिन उड़ते-फूटते पटाखों की वजह से आग पर काबू पाने के लिये मशक्कत करना पड़ी। पुलिस ने भीड़ को दूर किया। करीब एक घंटे बाद आग पर काबू पाया जा सका। तब तक 2 दुकाने पूरी तरह से जल चुकी थी। फायर बिग्रेड कर्मचारियों ने आग को आसपास की दुकानों तक पहुंचने से पहले रोक लिया था। इस दौरान सामने आया कि वहां खड़ी एक बाइक भी पूरी तरह से जल चुकी है।
कैसे लगी आग, नहीं आया सामने
बताया जा रहा है कि पटाखा दुकानों में आग कैसे लगी इसकी जानकारी सामने नहीं आ पाई है। कोई शार्ट सर्किट की संभावना जता रहा था तो किसी को असामाजिक तत्वों पर शंका बनी हुई थी। खास बात यह भी सामने आई कि अस्थाई पटाखा दुकानों का आवंटन होने के बाद यहां फायर बिग्रेड की एक फायटर को खड़ा किया गया था, लेकिन दीपावली और उसके कुछ दिन बाद तक ही यहां फायर फायटर खड़ी रही। रात में लगी आग के दौरान फायर फायटर मौजूद नहीं थी।