पीएमश्री स्कूलों में टिंकरिंग लैब टेंडर प्रक्रिया पर उठे सवाल, छोटे व्यवसायियों के हितों की अनदेखी का संदेह
दैनिक अवन्तिका इंदौर
प्रदेश में प्रधानमंत्री श्री योजना के अंतर्गत बनाए जा रहे पीएम श्री स्कूलों में अटल टिंकरिंग लैब स्थापित करने के लिए नई टेंडर प्रक्रिया में गड़बड़ी का संदेह उठ रहा है। जानकारी के मुताबिक, लगभग 250 से अधिक विद्यालयों में प्रति विद्यालय 10 लाख रुपये की सामग्री हेतु टेंडर प्रक्रिया जीईएम पोर्टल के माध्यम से होनी है।
शिक्षा विभाग द्वारा जारी की गई गाइडलाइंस पर छोटे और स्थानीय व्यापारियों ने आपत्ति जताई है। गाइडलाइंस में ऐसे शर्तें डाली गई हैं, जो प्रदेश के छोटे और स्थानीय विक्रेताओं के अवसरों को सीमित करती प्रतीत होती हैं। जैसे कि वार्षिक 20 करोड़ रुपये का कारोबार, टेंडर मे मांगे गए लाइसेंस की केटेगरी इत्यादि के साथ और पिछले तीन वर्षों में इसी मात्रा में व्यापार का अनुभव होना अनिवार्य है।
मामला पूर्णत: जांच के घेरे में
व्यापारियों का कहना है कि ऐसी शर्तें केवल कुछ चुनिंदा विक्रेताओं को लाभ पहुंचाने के लिए बनाई गई हैं और यह प्रदेश के छोटे व्यापारियों के लिए अनुचित है। इस प्रकार की टेंडर प्रक्रिया प्रदेश के छोटे व्यापारियों को हतोत्साहित करती है और किसी विशेष व्यक्ति या कंपनी को लाभ पहुंचाने का इशारा देती है।
नीति आयोग द्वारा की गयी टिंकरिंग लब योजना मे कभी ऐसी शर्तों के साथ बाध्यता नहीं की गयी है, अत: ये मामला पूर्णत: जांच के घेरे में है, छोटे व्यापारियों और स्थानीय संस्थानों ने मांग की है कि इस टेंडर प्रक्रिया की पुन: समीक्षा की जाए और गाइडलाइंस में संशोधन कर सभी व्यापारियों को समान अवसर प्रदान किया जाए।