आज कार्तिक पूर्णिमा पर शिप्रा में पर्व स्नान : देशभर से उमड़ेंगे हजारों लोग, सुबह सूर्योदय से लोग घाट पर दान-पुण्य व पूजन-अर्चन के लिए पहुंचेंगे
देव दिवाली पर शाम को शिप्रा में दीपदान, विष्णु-तुलसी का पूजन करेंगे
दैनिक अवन्तिका उज्जैन
आज कार्तिक मास की पूर्णिमा पर उज्जैन की शिप्रा में पर्व स्नान होगा। देशभर से हजारों की संख्या में श्रद्धालु यहां उमड़ेंगे। शिप्रा के रामघाट सहित अन्य प्रमुख घाटों पर लोग पंडितों से पूजन-अर्चन कराएंगे तथा दान-पुण्य करेंगे। देव दिवाली पर शाम को शिप्रा में दीपदान होगा।
कार्तिक मास, भगवान विष्णु की पूजा का महीना माना जाता है। श्रद्धालु शिप्रा में स्नान कर घाट पर तुलसी, भगवान विष्णु का पूजन करेंगे और पितरों के निमित्त दीपदान कर सुख-समृद्धि की कामना करेंगे।
दीप दान के लिए कार्तिक की पूर्णिमा पुराणों में सबसे बड़ी
उज्जैन के तीर्थ पुरोहित एवं ज्योतिषाचार्य पंडित अमर डब्बावाला ने बताया कि पुराणों में कार्तिक महीने के दौरान दीपदान करने का जिक्र बहुत ही विशेष रूप से किया गया है। पुराणों एवं धर्म शास्त्रों में कार्तिक के महीने में देवउठनी एकादशी, वैकुंठ चतुर्दशी और कार्तिक की पूर्णिमा दीपदान के लिए सबसे बड़ी बताई गई है। इस दिन लोग घरों व प्रतिष्ठानों में पर भी दीप जलाकर देव दिवाली मनाएंगे।
इसलिए इस मास का नाम कार्तिक पड़ गया
तारकासुर नामक राक्षस को वरदान था कि उसका वध सिर्फ शिव पुत्र से ही होगा। वरदान पाकर वह देवताओं को परेशान करने लगा। तब भगवान विष्णु और अन्य देवताओं ने शिव जी से विवाह की प्रार्थना की। उस समय देवी पार्वती शिव को पति रूप में पाने के लिए तप कर रही थीं। शिव देवी पार्वती के कठोर तप से प्रसन्न हुए और उनसे विवाह किया। फिर कार्तिकेय जी का जन्म हुआ। और कुछ समय बाद ही कार्तिकेय ने तारकासुर का वध कर दिया। इस तरह उस माह का नाम कार्तिक पड़ गया जो कि देवताओं के आशीर्वाद से दान-पुण्य के लिए खास कहलाया।
प्रशासन ने ये इंतजाम किए
ॅ घाटों पर महिलाओं के वस्त्र बदलने के लिए शेड लगाए गए है।
ॅ नदी में स्नान करने वालों की सुरक्षा के लिए होमगार्ड के तैराक तैनात रहेंगे।
ॅ यात्रियों के सामान आदि की सुरक्षा के लिए पुलिस बल तैनात किया है।
ॅ वाहन पार्किंग घाटों से दूर हरसिद्धि, नरसिंह घाट और कार्तिक मेला तरफ पार्किंग स्थल पर कर सकेंगे।