मुम्बई से अवध एक्सप्रेस में राजस्थान के लिये निकले थे छात्र
उज्जैन। कक्षा 9 वीं में साथ पढऩे वाले 2 नाबालिग छात्र शुक्रवार शाम लापता हो गये थे। दोनों मुम्बई पहुंचे थे, जहां से वापस राजस्थान जाने के लिये अवध एक्सप्रेस ट्रेन में सवार हुए। पुलिस ने दोनों को नागदा में ट्रेन से उतार लिया। छात्र परिवार से नाराज होकर घर छोडक़र भा निकले थे। नीलगंगा थाना क्षेत्र के न्यू इंदिरानगर में रहने वाले एक्सीलेंस विद्यालय में कक्षा 9 वीं का अध्ययन करने वाले 2 छात्र दोस्त मयंक पिता कन्हैयालाल वर्मा और नैतिक पिता राजेश पोरवाल शुक्रवार शाम घर से लापता हो गये थे। देर रात तक घर नहीं लौटने पर परिजनों ने पुलिस को सूचना दी। घर के आसपास लगे कैमरे से पता चला कि दोनों बैग लेकर निकले है। पुलिस ने तलाश शुरू की। दोनों रेलवे स्टेशन पर ट्रेन में सवार होते दिखाई दिये। पुलिस ने ट्रेन रूट का पता कर सभी जगह सूचना भेजी। इस बीच शनिवार को पता चला कि दोनों छात्र मुम्बई पहुंच गये है। उन्होने परिवार को कॉल कर बताया है। पुलिस मुम्बई पुलिस से संपर्क करती उससे पहले दोनों छात्र अवध एक्सप्रेस ट्रेन में राजस्थान जाने के लिये बैठ गये। उन्होने आटो चालक से मोबाइल लेकर परिजनों को कॉल किया था। पुलिस ने परिजनों से आटो चालक का नम्बर लिया और कॉल किया तो उसने अवध एक्सप्रेस में सवार होने की जानकारी दी। नीलगंगा पुलिस की टीम रात में नागदा स्टेशन पहुंच गई। जहां ट्रेन के पहुंचने पर सभी कोच में दोनों की तलाश की गई और उन्हे ट्रेन से उतार लिया गया। दोनों को रविवार अलसुबह उज्जैन लाया गया और परिजनों के सुपुर्द किया गया।
परिवार से नाराज होकर छोड़ा था घर
पुलिस ने दोनों छात्रों से पूछताछ की तो पता चला कि मयंक के माता-पिता उसे हमेशा डांटते थे। जिसके चलते वह नाराज रहता था। उसने माता-पिता की डांट से क्षुब्ध होकर घर छोडऩे की योजना बनाई। दोस्त नैतिक को योजना बताई तो वह भी तैयार हो गया और दोनों अपने कपड़े बैग में रख घर से निकल गये। जानकारी यह भी सामने आई है कि मयंक के पिता ने दूसरी शादी की है।
उज्जैन में मिला भोपाल से लापता चौथी का छात्र
माधव नगर रेलवे स्टेशन के बाहर उज्जैन का पता पूछ रहे बालक को देख लोगों ने पुलिस को सूचना दी। बालक भोपाल से लापता था। परिजन शनिवार से उसकी तलाश कर रहे थे उज्जैन पहुंची मां एकलौते पुत्र के मिलने पर बिलख उठी। रविवार सुबह माधवनगर रेलवे स्टेशन के बाहर 12 साल का बालक कंधे पर बैग लटकाए। एक दुकानदार से उज्जैन का पता पूछ रहा था। बालक को अकेला देख दुकानदार को शंका हुई। उसने नीलगंगा थाना पुलिस को कॉल किया। पुलिस बालक को अपने साथ थाने लेकर आई। पूछताछ करने पर ओमप्रकाश पिता त्रिलोकचंद्र यादव 12 वर्ष निवासी कमलापति नगर भोपाल होना सामने आया। पुलिस ने संबंधित थाना मिसरोद से संपर्क किया। पता चला कि बालक ओमप्रकाश शनिवार से लापता है और एक व्यक्ति के साथ जाता हुआ कमरे में दिखाई दिया था। बालक के सकुशल मिलने की खबर मिलते ही परिजन उज्जैन के लिए रवाना होगा। भोपाल पुलिस भी बालक के मिलने पर शाम को नीलगंगा थाने पहुंच गई थी। बालक के परिजनों ने बताया कि कक्षा चौथी में पढ़ाई करता है ट्यूशन जाने के लिए निकला था उसके बाद वापस नहीं लौटा। परिवार का एकलौता पुत्र है। पिता इनकम टैक्स रिटर्न फाइल भरने का प्राइवेट काम करते हैं। मां अपने मासूम बेटे को देख बिलख उठी और गले लगा लिया। बालक ओमप्रकाश का कहना था कि उसे एक अंकल ने चाकू दिखाकर डराया था और साथ चलने की बात कही थी। काफी दूर तक पैदल लेकर गया था और फिर रेलवे स्टेशन पर चाय की दुकान पर पोहे खिलाएं उसके बाद वह भाग कर ट्रेन में बैठ गया था। नीलगंगा पुलिस ने बालक को परिजन और भोपाल पुलिस के सुपुर्द कर दिया। परिजनों ने एकलौते पुत्र के मिलने पर उज्जैन पुलिस का आभार माना।