प्रदेश में उपचुनाव को लेकर कांग्रेस संशय की स्थिति में हार जीत के फैसले के पूर्व ही नेताओं में धुकधुकी

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इंदौर। विजयपुर और बुधनी के उपचुनाव भाजपा के लिए इतने महत्वपूर्ण नहीं हैं क्योंकि वो दो तिहाई बहुमत के साथ प्रदेश की सत्ता संभाल रही लेकिन कांग्रेस विशेष कर जीतू पटवारी है, के लिए यह दोनों विधानसभा उपचुनाव प्रतिष्ठा का प्रश्न बन गए हैं।
विजयपुर में अंतिम तीन दिनों में जिस तरह की घटनाएं हुई, उसके बाद कांग्रेस को अपनी हार की आशंका सताने लगी है। यही वजह है कि चुनाव परिणामों के बाद हार का ठीकरा ईवीएम, चुनाव आयोग और प्रशासन पर फोड़ने की तैयारी है।
राहुल गांधी के नेतृत्व वाली कांग्रेस का पिछले 5 वर्षों में यह ट्रेंड बन गया है कि चुनावों में पराजय की जिम्मेदारी चुनाव
कांग्रेस कमेटी भी हार का ठीकरा निर्वाचन आयोग पर फोड़ने वाली है।
दरअसल, कांग्रेस ने मतगणना में गड़बड़ी की आशंका जाहिर की है। इसे लेकर कांग्रेस जहां पार्टी स्तर पर रणनीति बना रही है वहीं चुनाव आयोग से भी शिकायत की है। भाजपा प्रत्याशी और मध्य प्रदेश सरकार में मंत्री रामनिवास रावत के रिश्तेदारों और स्वजातीय बंधुओं को मतगणना से दूर रखने की मांग की है।
प्रदेश कांग्रेस के चुनाव आयोग कार्य प्रभारी जेपी. धनोपिया ने प्रदेश के मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी को शिकायत करते हुए विजयपुर विधानसभा उपचुनाव की मतगणना के दिन भाजपा प्रत्याशी रामनिवास रावत के स्वजातीय बंधु एवं रिश्तेदारों को माईक्रो आब्जर्वर की ड्यूटी से हटाने की मांग की है। कांग्रेस का कहना है कि विजयपुर विधानसभा के उपचुनाव भाजपा प्रत्याशी वनमंत्री रामनिवास रावत के इशारे पर कार्यरत जिला निर्वाचन अधिकारी कलेक्टर श्योपुर किशोर कन्याल द्वारा रावत के स्वजातीय एवं रिश्तेदारों को मतगणना दिवस पर 32 माईक्रो आब्जर्वर नियुक्त कराया गया है जिनमें से 25 माईक्रो आब्जर्वर मीणा, रावत समुदाय के होकर उनके रिश्तेदार है तथा अन्य 7 उनके निजी सम्पकों में रहने वाले कर्मचारी है।
जिससे स्पष्ट है कि मतगणना दिन भी उसी तरह की अनुचित गतिविधिया सम्पन्न होगी, जैसी मतदान दिन हुई है। कांग्रेस कल प्रदेश स्तर पर विजयपुर के चुनाव की गड़बड़ियों को लेकर प्रदर्शन भी करने वाली है। जीतू पटवारी इस संबंध में लगातार बयान बाजी कर रहे हैं।
कांग्रेस का मानना है कि विजयपुर में वो जीत के करीबहै। यदि वोटो का अंतर कम रहा तो प्रशासन और चुनाव आयोग खेल कर सकता है। दूसरी तरफ बुधनी को लेकर कांग्रेस का कहना है कि राजकुमार पटेल सीट भले ही ना निकाल पाएं, लेकिन उन्होंने भाजपा के प्रत्याशी रमाकांत भार्गव को कड़ी टक्कर दी है।
शिवराज सिंह चौहान के गृह क्षेत्र बुधनी में बड़ी संख्या में किरार और आदिवासी मतदाता रहते हैं जो कांग्रेस को इस बार मत दे सकते हैं, क्योंकि भाजपा प्रत्याशी रमाकांत भार्गव ब्राह्मण हैं। कांग्रेस को सोशल इंजीनियरिंग का फायदा विजयपुर में भी मिल रहा है। जहां उसने आदिवासी मुकेश मल्होत्रा पर दांव चला है।
विजयपुर में 70000 के लगभग आदिवासी मतदाता हैं। मुकेश मल्होत्रा दबंग आदिवासी नेता माने जाते हैं।

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