उज्जैन में अब 25 नवंबर को महाकाल की बड़ी सवारी, रूट बदलेगा
– कार्तिक-अगहन मास की आखिरी सवारी लंबे मार्ग से निकाली जाएगी, तैयारियां चल रही
दैनिक अवंतिका उज्जैन।
उज्जैन में अब 25 नवंबर को महाकाल की बड़ी सवारी निकलेगी। इस सवारी का रूट भी बदलेगा। कार्तिक-अगहन मास की यह आखिरी सवारी रहेगी। यह सवारी श्रावण-भादो मास में निकलने वाली महाकाल की बड़ी सवारी वाले मार्ग से निकाली जाएगी। प्रशासन व महाकाल मंदिर समिति ने शाही सवारी की तैयारियां शुरू कर दी है।
अभी तक कार्तिक व अगहन मास की जो भी सवारी निकली वह पुराने शहर में परंपरागत मार्ग निकाली गई। अब आखिरी व बड़ी सवारी लंबे मार्ग से निकलेगी। महाकाल मंदिर के पुजारी आशीष गुरु ने बताया कि जिस प्रकार से श्रावण व भादो मास की अंतिम सवारी लंबे मार्ग से होकर निकाली जाती है। उसी प्रकार कार्तिक व अगहन मास की आखिरी सवारी भी बड़ी होती है इसका मार्ग भी अन्य सवारियों से बड़ा हो जाता है।
प्रशासन द्वारा भीड़ नियंत्रण के लिए की जाएगी बेरिकेटिंग
श्रद्धालुओं की भी इस सवारी में अधिक भीड़ होती है। इसको ध्यान में रखते हुए प्रशासन व पुलिस के अफसर भी तैयारियों में लगे है। मार्ग का निरीक्षण भी जल्द किया जाएगा। बेरिकेट्स लगाए जाएंगे। ताकि भीड़ को नियंत्रित किया जा सके।
टंकी चौक से यह सवारी तेलीवाड़ा कंठाल होकर गोपाल मंदिर पहुंचेगी
महाकाल मंदिर से सवारी शुरू होकर शिप्रा तट पहुंचेगी और यहां पून के पश्चात कार्तिकचौक होते हुए टंकी चौक से सीधे तेली वाड़ा, कंठाल चौराहा, सती गेट, सराफा में घूमकर छत्री चौक होते हुए गोपाल मंदिर जाएगी। जबकि अन्य सभी सवारियां टंकी चौक से ही छत्री चौक की तरफ से होते हुए निकलती है।
बड़ी सवारी का शहरभर में होगा स्वागत, मंच भी बनाए जाएंगे
महाकाल की बड़ी सवारी का शहरभर में स्वागत होगा। जगह-जगह सामाजिक धार्मिक एवं व्यापारिक संस्थाओं के लोग मंच बनाकर पुष्पवर्षा कर भगवान महाकाल का स्वागत करेंगे। मार्ग में कई जगह पालकी का पूजन किया जाएगा। बड़ी सवारी का श्रद्धालु विशेष तैयारियों के साथ स्वागत सत्कार करते हैं।