उज्जैन। छात्र को शेयर मार्केट में मुनाफे का झांसा देकर डी मेट अकाउंट खुलवाने के बाद 50 हजार की धोखाधड़ी करने वाले से रिमांड अवधि में पुलिस ने 45 हजार बरामद करने में सफलता प्राप्त की है। पुलिस धोखाधड़ी की राशि बरामद करने के लिये उसे होशंगाबाद के नर्मदापुरम लेकर पहुंची थी। धोखेबाज को शनिवार दोपहर कोर्ट में पेश किया, जहां से जेल भेजा गया है। माधवनगर पुलिस ने वैशालीनगर में रहने वाला रितिक पिता शिवलाल मालवीय की शिकायत पर कुछ दिन पहले डी मेट अकाउंट के नाम पर हुई 50 हजार की धोखाधड़ी के मामले में प्रकरण दर्ज कर होशंगाबाद के नर्मदापुरम में इंवेस्टमेंट ग्रोथ कंपनी संचालित करने वाले संजय पिता प्रतापसिंह प्रजापत को गिरफ्तार कर 2 दिनों की रिमांड पर लिया था। एसआई सालगराम चौहान ने बताया कि रिमांड अवधि में आरोपी को नर्मदापुरम ले जाया गया था। जहां से धोखधड़ी की राशि 45 हजार बरामद करने में सफलता प्राप्त हुई है। वहीं आरोपी की कंपनी से 14 मोबाइल, 14 सीम और कुछ दस्तावेज भी बरामद किये गये है। शनिवार को रिमांड  खत्म होने पर आरोपी को कोर्ट में पेश किया था, जहां से केन्द्रीय जेल भैरवगढ़ भेज दिया गया। आरोपी संजय मूलरूप से रासयेन का रहने वाला है और नर्मदापुरम में उसने फर्जी कंपनी खोल रखी थी। जहां 10 से 12 युवक-युवती को काम पर रख उनसे लोगों को कॉल करवाता था और शेयर मार्केट में मुनाफे का झांसा देकर डीमेट अकाउंट खुला लेता था। वह फर्जी साइड से अकाउंट खुलवाने वालों को मुनाफा दिखाता था। कुछ लोगों को नुकसान होने की जानकारी देता था और उनके अकाउंट से राशि निकाल लेता था।
धोखाधड़ी के बाद छात्र ने खुद पकड़ा था
विदित हो कि वैशाली नगर में रहने वाला रितिक मालवीय कॉलेज एडमिशन की तैयारी कर रहा है। उसके पिता चिमनगंज थाने में पुलिसकर्मी है। एक माह पहले रितिक के साथ डी मेट अकाउंट के नाम पर 50 हजार की धोखाधड़ी हुई थी। उसने खुद ही धोखेबाज को पकड़ने की योजना बनाई और दोस्त रौनक के साथ कंपनी का पता लगाया और नर्मदापुरम तक पहुंच गया। जहां कंपनी के आफिस में घुसकर संजय को पकड़ा। लेकिन स्थानीय पुलिस ने उसकी मदद नहीं की तो वह नर्मदापुरम के एसपी कार्यालय पहुंचा। एसपी की मदद से संजय को हिरासत में लेकर उज्जैन माधवनगर पुलिस को सौंपा गया था।

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