उज्जैन। 53 लाख का लोन लिये जाने के बाद फायनेंस कंपनी ने 3 लोगों के दस्तावेजों की जांच के लिये बिजली कंपनी से संपर्क किया। तीनों व्यक्ति बिजली कंपनी के होना सामने नहीं आये। फायनेंस कंपनी की जांच में तीनों के साथ बैंक के 2 सेल्स मैनेजर भी शामिल होना सामने आये। सभी के खिलाफ प्रकरण दर्ज कराया गया है। माधवनगर थाना पुलिस ने बताया कि रतलाम के जावरा स्थित एचडीबी फायनेंशिंयल सर्विसेज लिमिटेड के दशरथ शर्मा ने शिकायती आवेदन दिया देकर बताया था कि उनकी फायनेंस कंपनी के सीनियर सेल्स मैनेजर राहुल सिंह गौड़ और दीपक बोडाना ने गोपाल विश्वकर्मा को 15 लाख, रमेश कुमार शर्मा को 18 लाख और सतीश राव को 20 लाख का पर्सनल लोन दिया था। लोन लेने वाले तीनों लोगों ने खुद को बिजली कंपनी उज्जैन का अधिकारी होना बताया था। दस्तावेज भी बिजली कंपनी से जुड़े दिये थे, लोन के दस्तावेज कंपनी के पास पहुंचे तो उनकी जांच शुरू की गई और इंदौर स्थिति बिजली कंपनी के मुख्यालय से तीनों के बारे में जानकारी प्राप्त की गई। जहां से पता चला कि तीनों व्यक्ति बिजली कंपनी के अधिकारी नहीं है। उनके दस्तावेज भी फर्जी है। पुलिस के अनुसार शिकायती आवेदन की जांच के बाद मामले में लोन लेने वाले तीनों व्यक्तियों के साथ फायनेंस कंपनी के दोनों सीनियर सेल्स मैनेजर के खिलाफ प्रकरण दर्ज किया गया है। कंपनी ने उनकी भूमिका भी लोन देने में संदिग्ध होना पाई है। पांच की जल्द गिरफ्तारी की जायेगी।

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