ऑनलाइन पेपर और ऑनलाइन मूल्यांकन की व्यवस्था हो सकती है लागू
विश्वविद्यालय प्रशासन अपनी परीक्षा प्रणाली और रिजल्ट को पूरी तरह से डिजिटल करने के लिए नई रूपरेखा बना रहा है। इसके लिए टीसीएस की मदद से सॉफ्टवेयर में अपडेट किया जा रहा है। वहीं, स्टाफ और शिक्षकों को प्रशिक्षण देने पर विचार होने लगा है। अधिकारियों के मुताबिक, ऑनलाइन व्यवस्था को तीन चरणों में लागू करेंगे। इसकी शुरुआत व्यावसायिक पाठ्यक्रम से होगी। दरअसल, परीक्षा और गोपनीय व्यवस्था को लंबे समय से ऑटोमेशन प्रोजेक्ट से जुड़ने को लेकर प्रयास किए जा रहे है। इस दिशा में विश्वविद्यालय ने सितंबर से ऑनलाइन मूल्यांकन शुरू किया है। बतौर पायलट प्रोजेक्ट के तहत बीसीए-बीबीए और एमबीए-एलएलबी पाठ्यक्रम को शामिल किया। शुरुआत बीसीए प्रथम वर्ष (ओल्ड कोर्स) की परीक्षा की उत्तरपुस्तिकाओं से की गई। 40 शिक्षकों को ऑनलाइन मूल्यांकन का प्रशिक्षण दिया गया। टीसीएस ने विशेष सॉफ्टवेयर तैयार किया, जिसमें कापियों को स्कैन कर शिक्षकों के ई-मेल पर भेजा गया। खास बात यह है कि पांच हजार कापियां जांचने में शिक्षकों को 20 दिन लगते थे। वहीं, ऑनलाइन मूल्यांकन करने से समय की काफी बचत हुई है। इस तरह विश्वविद्यालय ने स्नातक प्रथम वर्ष की पूरक परीक्षाओं में केंद्र तक ऑनलाइन पेपर भिजवाए गए।