सिंहस्थ में आने वाले लोगों की चिंता में सरकार- इंदौर-उज्जैन सिक्सलेन कार्य ने पकड़ी रफ्तार, पेड़ पौधों को भी हटाया जा रहा
उज्जैन। आगामी 2028 वर्ष में उज्जैन में आयोजित होने वाले सिंहस्थ महापर्व को सफल बनाने के लिए सरकार न केवल कार्यों को अंजाम दे रही है वहीं आने वाले लोगों को भी आवागमन सुगम कराने के लिए चिंता पाली जा रही है और यही कारण है कि इंदौर उज्जैन के सड़क मार्ग को सिक्सलेन में बदले जाने का काम भी शुरू कर दिया गया है।
बता दें कि सिंहस्थ के दौरान इंदौर से उज्जैन आने वाले लोगों की तादात बहुत होगी। इधर सिक्सलेन कार्य ने रफ्तार पकड़ ली है वहीं रोड के बीच में आने वाले पेड़ पौधों को भी हटाने का काम किया जा रहा है और इन्हें किनारों पर ट्रांसप्लांट किया जा रहा है। मध्य प्रदेश सड़क विकास निगम (एमपीआरडीसी) के अधिकारियों के अनुसार अन्य कार्य भी तेजी से शुरू किए जाएंगे। उल्लेखनीय है कि 19 सितंबर को परियोजना का भूमिपूजन राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने उज्जैन आकर किया था। 46.475 किलोमीटर लंबे उज्जैन-इंदौर फोरलेन सड़क मार्ग को दो वर्ष के भीतर सिक्स लेन में बदलने की कमान उदयपुर की रवि इंफ्राबिल्ड कंपनी को 735 करोड़ रुपये में सौंपी है। योजना अनुरूप सिक्स लेन सड़क 15 साल के ऑपरेशन-मेंटेनेंस के साथ उज्जैन में स्थित हरिफाटक पुल से इंदौर में स्थित अरविंदो अस्पताल के सामने तक बनाई जाएगी। निर्माण हाइब्रिड वार्षिकी पद्धति से पेव्ड शोल्डर के साथ होगा। मुख्य सड़क डामर की और आबादी क्षेत्र में एप्रोच रोड सीमेंट-कंक्रीट की बनाई जाएगी।
फिलहाल रोड किनारे भराव और मध्य में काम शुरू करने से पहले पेड़-पौधों को हटाया जा रहा है। डीपीआर में काफी संशोधन किया गया है। पहले योजना अमल में लाने को 1.35 हेक्टेयर जमीन अधिग्रहित करने, आठ फ्लाईओवर और 70 अंडरपास बनाना प्रस्तावित था, मगर बाद में जमीन अधिग्रहण करना निरस्त किया और मार्ग में दो वृहद पुल, दो फ्लाई ओवर, छह अंडरपास बनाना तय किया। उज्जैन में सर्वाधिक पर्यटक इंदौर रोड के रास्ते आते हैं। उज्जैन को जोड़ने वाले प्रमुख मार्गों में यही वो रोड है जहां सर्वाधिक दुर्घटनाएं भी होती है। बीते वर्ष 2023 में इस पर 226 दुर्घटनाएं हुई थीं जिनमें 210 लोग घायल हुए थे और 22 की मृत्यु हो गई थी।