ट्रैफिक पुलिस और आरटीओ ऑनलाइन लेंगे चालान की राशि

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इंदौर। ट्रैफिक पुलिस और क्षेत्रीय परिवहन विभाग प्रधानमंत्री की डिजीटल इंडिया को बढ़ावा देने में जुट गया है। सभी प्रकार की चालानी राशि आनलाइन लेने की तैयारी की जा रही है।
इससे जिन वाहन चालकों के चालान बने हैं, उन्हें कंट्रोल रुम और आरटीओ कार्यालय जाने से निजात मिलेगी। आरटीओ इस योजना पर तेजी से काम कर रहा है।
जबकि, ट्रैफिक पुलिस के कई जवानों को चालान की राशि लेने स्वाइप मशीन उपलब्ध कराई है, जिसका उपयोग कम हो रहा है।
ट्रैफिक में शहर को नंबर वन की पायदान पर पहुंचाने ट्रेफिक पुलिस के साथ आरटीओ भी कंधे से कंधा मिलाकर काम करने जा रहा है। आरटीओ के सूत्रों ने बताया कि
अभियान के दौरान कई बसें, स्कूली वाहन, भारवाहक वाहनों के चालान बनाए जाते हैं।
चालान की राशि जमा करने उन्हें आरटीओ भेजा जाता है। इसमें समय के साथ ईंधन भी खर्च होता है। वाहन चालक की इस परेशानी को दूर करने अब मौके पर ही आरटीओ अधिकारी स्केन और स्वाइप मशीन के साथ मौजूद रहेंगे। जिन चालकों का चालान बनेगा, वे मौके पर ही चालान की राशि जमा कर सकेंगे। इसी क्रम में ट्रेफिक पुलिस अब धूल खा रही स्वाइप मशीन का उपयोग करने पर जोर दे रहा है।

धूल खा रही है स्वाइप मशीन —
एक साल पहले तत्कालीन ट्रैफिक डीसीपी महेशचंद्र जैन ने ट्रैफिक जवानों का भ्रष्टाचार रोकने भोपाल से 85 मशीन बुलाई थी। मशीन आने के बाद आदेश जारी किए थे कि चालानी कार्रवाई के दौरान इसका ही उपयोग किया जाए।
चौराहा पर चालानी कार्रवाई करने वाले कुछ जवानों ने इसका पालन करना शुरू कर दिया तो कुछ जवान रसीद कट्टा लेकर खड़े रहते हैं। डीसीपी के स्थानांतरित होने के बाद योजना बंद कर दी गई।
अब एक बार फिर इस पर तेजी से काम करने की तैयारी की जा रही है, ताकि वाहन चालकों से मौके पर ही चालान की राशि जमा कराई जा सके।
रोज बन रहे है 2 हजार चालान शहर में रोजाना नियम विरुद्ध वाहन चलाने वाले चालकों के 2 हजार चालन बनाए जा रहे है। इसमें से 20 प्रतिशत लोग ही मौके पर चालान की राशि जमा करते है। शेष चालान राशि जमा करने से बच रहे हैं।

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