ऑनलाइन गेमिंग के रास्ते पर जाकर भटक रहे है युवा, माता पिता भी है जिम्मेदार, क्यों नहीं रखते है निगाह

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उज्जैन। चाहे मध्यप्रदेश के अन्य शहरों की बात कर लें या फिर उज्जैन जिले की क्यों न बात की जाए यहां भी युवा ऑनलाइन गेमिंग के चक्कर में पड़कर रास्ते से भटक रहे है। इंटरनेट का जितना जमाना हो गया है उतने ही इसके नुकसान भी है और यही कारण है कि युवा या किशोरवय उम्र वाले ऑनलाइन एप के चक्कर में आते है क्योंकि ये शार्टकट से पैसा कमाना चाहते है लेकिन यही आदत इन्हें जुआ सट्टे की लत में फंसा देती है और फिर युवाओं का भुगतना पड़ता है। सवाल यह भी है कि माता पिता की निगाह क्यों नहीं जाती है अपने युवा बच्चों पर..!
कोरोना काल में लॉकडाउन के दौरान बच्चों का झुकाव इन गेम्स के प्रति और ज्यादा बढ़ा है, लेकिन अब खतरा सिर्फ ऑनलाइन गेमिंग तक सीमित नहीं है, बल्कि इसकी आड़ में गैंबलिंग यानी जुए का गेम भी खेला जा रहा है, जो किशोरों की जिंदगी को बर्बाद कर सकता है। इसके लिए लूडो, कैंडी क्रश, तीन पत्ती, पोकर आदि जैसे गेम्स की मदद ली जा रही है। आप सभी ने टीवी पर भी इन्‍हें प्रचारित-प्रसारित करने वाले विज्ञापन जरूर देखे होंगे।  ऑनलाइन गेमिंग इंडस्ट्री भारत में तेजी से अपने पैर जमा रही है। ऐप डाउनलोड के मामले में भारत सबसे बड़ा मोबाइल गेमिंग बाजार है। देश में 45 करोड़ से ज्यादा गेमर्स हैं। 2025 तक इनकी संख्या 50 करोड़ पहुंचने की उम्मीद है। इसके स्याह पहलू भी हैं। ऑनलाइन गेमिंग की वजह से कई लोग कर्जे में डूब गए हैं। इसके स्याह पहलू भी हैं। ऑनलाइन गेमिंग की वजह से कई लोग कर्जे में डूब गए हैं। ऑनलाइन गेमिंग इंडस्ट्री भारत में तेजी से अपने पैर जमा रही है। ऐप डाउनलोड के मामले में भारत सबसे बड़ा मोबाइल गेमिंग बाजार है। देश में 45 करोड़ से ज्यादा गेमर्स हैं। 2025 तक इनकी संख्या 50 करोड़ पहुंचने की उम्मीद है।
क्या कहते हैं आंकड़े
युवाओं में ऑनलाइन गेमिंग की लत तेजी से बढ़ रही है. आप गूगल पर बस ऑनलाइन गेंमिंग में पैसा टाइप करिए उसके बाद जो दिखाई देगा आंखे फटी रह जाएंगी. कौन हैं वो लोग जो सबकुछ देखने-समझने के बाद भी लाखों रुपये इस जुए में हारते चले जा रहे हैं.

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