उज्जैन। तुअर फसल के बीच किसान मादक पदार्थ गांजे की खेती कर रहा था। बुधवार को खबर मिलने पर पुलिस ने खेत में दबिश दी। सबसे पहले किसान को हिरासत में लिया गया। तलाशी के बाद 450 गांजे के पौधे बरामद किये गये। मामले में खाचरौद पुलिस ने एनडीपीएस एक्ट का प्रकरण दर्ज किया है। खाचरौद थाना प्रभारी धनसिंह नलवाया ने बताया कि मुखबीर से खबर मिली थी कि ग्राम आक्याजागीर में नारेली काकड़ पर एक खेत में गांजे की खेती किये जाने की खबर मिलने पर एसडीओपी पुष्पा प्रजापत के निर्देशन में प्रधान आरक्षक मुकेश राठौर, प्रभुलाल पाटीदार, उम्मीदराम, आरक्षक रवि बैरागी और दिलीप राणा के साथ दबिश दी गई। खेत में किसान कन्हैयालाल पिता भैरूलाल मौजूद था। वह पुलिस को देख भागने का प्रयास करने लगा। उसे टीम द्वारा पकड़ा गया और पूछताछ की गई। उसने खेत में गांजे के पौधे उगाने की बात कबूल कर ली। खेत में गांजे की महक आ रही थी। पुलिस ने खेत में तलाशी लेना शुरू किया तो अगल-अलग स्थान से कुछ देर में 450 गांजे के पौधे बरामद हो गये।  किसान को गिरफ्तार कर उसके खिलाफ एनडीपीएस एक्ट का प्रकरण दर्ज कर पूछताछ की जा रही है। गुरूवार दोपहर न्यायालय में पेश किया जायेगा। थाना प्रभारी के अनुसार बरामद किये गये पौधों का वजन करने के लिये मौके पर तोल कांटा मंगवाया गया था। पौधो का वजन 70 किलो 100 ग्राम होना सामने आया है। जिसकी कीमत 5 लाख 60 हजार के लगभग होना सामने आई है।
पिछले वर्ष उगाये थे 10 पौधे
मादक पदार्थ गांजे की खेती करने वाले किसान को हिरासत में लेने के बाद की गई पूछताछ में सामने आया कि उसने पिछले वर्ष भी गांजे के 10 पौधे उगाये थे। वह खुद गांजा पीता है। पिछली बार की गई खेती की जानकारी किसी को नहीं मिल पाई थी। इस वर्ष उसने व्यवसायिक तौर पर गांजे के पौधे उगाये। उसका मकसद गांजा बेचने का था।
पहले लगाई बालोर की बागड़
थाना प्रभारी धनसिंह नलवाया ने बताया कि मादक पदार्थ की खेती करने वाले किसान ने अपने खेत के आसपास पहले तार फेंसिंग कर बालोर की बेल लगाई थी। उसके बाद चरी उगाई और फिर अरहर (तुअर) की फसल लगाकर उसके बीच में गांजे के पौधे उगाये थे। पौधो की मात्रा अधिक होने पर गांजे की महक फैलने लगी थी, जिससे गांजे की खेती का पता चला गया।
पानबिहार मेें मिले थे 17 पौधे
20 अक्टूबर को पानबिहार चौकी पुलिस ने किशनपुरा में तेजाराम पिता लक्ष्मण के मकान के पीछे बाड़े में दबिश देकर 17 गांजे के पौधे बरामद किये थे। तेजाराम गांजा पीने का आदी था और घर के पीछे उसने साड़ी का घेरा बना रखा था। उक्त मामला पुलिस भ्रमण के दौरान सामने आया था, आरक्षक को महक आई थी, पता करने पर गांजे के पौधे मिले थे।

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