समर्पित व विचारवान भाजपा कार्यकर्ताओं की उम्मीद जागी
इंदौर। संगठन चुनाव के अगले चरण में भाजपा के मंडल अध्यक्षों का निर्वाचन होना है।
हालांकि संगठन के प्रति समर्पित व विचारवान कार्यकर्ताओं की भी कमी नहीं हैं, लेकिन विधायक व दूसरे प्रभावी नेता इनके साथ अन्याय करते है, अगर ऐसा होता है तब सबसे अधिक ऐसे कार्यकर्ताओं के साथ ही न्याय हो सकेगा।
खैर इन्दौर में मंडलों की संख्या में भी वृध्दि की जा सकती हैं। इन्दौर शहर में 35, जबकि ग्रामीण में 20 मंडल हो सकते हैं, शहर में 3 से 4 वार्ड पर एक मंडल का गठन किया जा सकता है, जबकि ग्रामीण में 12 से 15 पंचायतों पर एक मंडल ईकाई हो सकती हैं, सभी नगर परिषदों में भी एक-एक मंडल रहेगा।
करीब 30 वर्ष पूर्व एक विधानसभा क्षेत्र का एक मंडल होता था, बाद में विधानसभा क्षेत्रों में दो मंडल किए गए, अभी एक क्षेत्र में 3 से 4 मंडल है, अब ये 5 से 6 हो सकते हैं।
सह संगठन महामंत्री शिवप्रकाश व क्षेत्रिय संगठन महामंत्री अजय जामवाल का ये बेहद ही स्वागत योग्य कदम है, लेकिन इसे शत प्रतिशत लागू करवाना प्रदेश अध्यक्ष विष्णुदत्त शर्मा, संगठन महामंत्री हितानंद शर्मा व प्रदेश प्रभारी महेन्द्र सिंह के लिए बेहद ही चुनौतीपुर्ण हैं, क्योंकि निचले स्तर पर काम करने वाले अधिकतम कार्यकर्ता विधायकों के संरक्षण में ही काम करते हैं, इनमे कई तो ऐसे भी होते है।
जो संगठन की गतिविधियों से लेकर चुनावों तक में विधायकों के आदेशों सदस्यों की संख्या अभी भी हजारों में है, लेकिन इनमे से भी सभी समायोजित नहीं किए जा सकेंगे।
पिछले दिनों भोपाल में संगठन चुनाव के अगले चरण के लिए कार्यशाला का आयोजन किया गया, जिसमे प्रदेशभर से मौजूद पदाधिकारियों व जनप्रतिनिधियों को संदेश दिया गया कि वे अनावश्यक तौर पर ऐसे कार्यकर्ताओं की पैरवी से बचे, जो संगठन की बजाए उनको अधिक प्राथमिकता देते हैं, सीधे तौर पर संगठन व विचारवान कार्यकर्ताओं को नियुक्तियों में महत्व दिया जाए।
इसके लिए प्रदेश संगठन ने 1 से 16 दिसम्बर तक की तिथि नियत की हैं। प्रदेश संगठन की मंशा है कि मंडल अध्यक्ष विधायकों के स्टाम्प पेड की बजाए सीधे तौर पर संगठन से नाता रखने वाले व जमीनी कार्यकर्ता हो, हालांकि ऐसा मुश्किल हैं, पर अगर ऐसा होता हैं तब भाजपा के संगठन को विधायकों के चुंगल से मुक्त होने की दिशा में बड़ा कदम माना जाएगा।
इन्दौर नगर में अभी 28 मंडल हैं, जबकि ग्रामीण में इनकी संख्या 15 है, बिते वर्षों में लगभग सभी विधानसभा क्षेत्रों में मतदाताओं की संख्या बड़ी है, फिर संगठन पर्व के अंतर्गत सदस्य भी लाखों में बनाए है।