डॉग का मासूम पर हमला, चेहरे पर लगाने पड़े टांके
दैनिक अवन्तिका
उज्जैन। स्ट्रीट डॉग के हमले कम नहीं हो रहे है। बुधवार शाम 3 साल के मासूम पर उस वक्त हमला कर दिया, जब वह घर में जा रहा था। स्ट्रीट डॉग घर के अंदर तक आ गया। घटना के बाद परिवार मासूम को चरक भवन लेकर आया। जहां चेहरे पर टांके लगाने पड़ गये।
देवास रोड स्थित नरवर के ग्राम गावड़ी में रहने वाले राहुलसिंह का 3 वर्षीय पुत्र शिवम शाम को घर के बाहर खेलने के बाद वापस घर की ओर आ रहा था और दरवाजे तक पहुंच गया था। उसी दौरान पीछे से स्ट्रीट डॉग आया और मासूम शिवम पर हमला कर दिया। डॉग मासूम को घर के अंदर तक खींच कर ले गया। शोर सुनकर परिवार बचाने दौड़ा। शिवम को बचाया जाता उससे पहले उसका चेहरा खून से लथपथ हो गया था। उसके चेहरे पर गहरे घाव होने पर तत्काल समीप सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र ले जाया गया। जहां चरक भवन रैफर किया गया। परिजन चरक भवन लेकर पहुंचे, जहां सबसे पहले मासूम को रेबिज वैक्सीन का डोज दिया गया। उसके बाद उपचार कर चेहरे पर 3 से 4 टांके लगाये गये। मासूम स्ट्रीट डॉग के हमले से काफी दहशत में आ गया था। परिवार भी मासूम पर ुहुए स्ट्रीट डॉग के हमले के बाद उसके स्वास्थ्य को लेकर चिंतत दिखाई दे रहा था।
7 साल की मासूम को लगे थे 13 टांके
12 नवम्बर को घट्टिया तहसील के ग्राम कोयलखेडी में 7 साल की ऋषिका पिता सौदान पर घर के बाहर खेलते समय स्ट्रीट डॉग ने हमला कर दिया था। उसके चेहरे पर 13 टांके लगाने पड़े थे। मासूम का चार से पांच दिनों तक चरक भवन में उपचार चला था। इससे पहले 11 नवम्बर को कमला नेहरूनगर नानाखेड़ा में रहने वाले 6 साल के हर्षित पिता भूपेश तिवारी स्ट्रीट डॉग के हमले में लहूलुहान हुआ था। उसका उपचार भी चरक भवन में किया गया था। इससे पहले 4 अक्टूबर को बोहरा समाज की 7 साल की मासूम की स्ट्रीट डॉग को देख दहशत में आने के बाद मौत हो गई थी। उस दौरान समाजजनों ने कमरी मार्ग चक्काजाम किया था।
सालभर में 5 हजार से अधिक शिकार
शहर में स्ट्रीट डॉग के शिकार लोगों की संख्या पिछले 11 माह में 5 हजार से अधिक पहुंच चुकी है। गली-मोहल्लों से लेकर महाकाल मंदिर, कालोनियों से लेकर ग्रामीण क्षेत्र हर जगह घूमते स्ट्रीट डॉग मासूम बच्चों से लेकर बुजुर्गो तक पर हमला कर रहे है। शहर में कई भयावह घटना सामने आ चुकी है। बावजूद प्रशासन से लेकर नगर निगम तक स्ट्रीट डॉग को लेकर गंभीर दिखाई नहीं दे रहा है। घटनाक्रम सामने आने के बाद 1-2 दिन श्वान पकड़ो गैंग सड़को पर दिखाई देती है। उसके बाद मामले की इतिश्री कर ली जाती है।