अच्छी खासी सडक का कर दिया मटियामेट,निकल आई चूरी टावर सर्किल के डामरीकरण की चूरी डामर हुए अलग-अलग -सडक संधारण में टाटा सिवरेज लाईन के चेंबर हो गए गायब
दैनिक अवन्तिका उज्जैन। एक सप्ताह पूर्व शहर में भाजपा के सुप्रीमो आए थे उनके स्वागत में शहर की कुछ सडकों का संधारण किया गया था। मुख्य रूप से घंटाघर सर्किल का डामरीकरण प्रमुख था। लाखों के इस काम में एक सप्ताह में ही चूरी और डामर अलग-अलग हो गए हैं।शहर के मध्य हुए इस काम के हालात सामने आने पर इस स्थिति को लेकर सवाल उठने लगे हैं। सडक के संधारण में कई सारी बातों को सिरे से अनदेखा ही कर दिया गया है।शहर में सडक संधारण के लिए नगर निगम ने इस काम को अंजाम दिलवाया था। लाखों की लागत से शहर के ह्दय स्थल टावर सर्किल पर किए गए डामरीकरण को लेकर नगर निगम के कार्यों पर सवाल उठने लगे हैं। हालिया स्थिति के इस डामरीकरण में पूर्व से बदतर हाल सडक के हो कर रह गए हैं। चारों और इसकी चूरी निकल कर सडक पर फैल रही है। इसके अलावा न तो सडक का लेबल बनाया गया है और न ही उसे समतल करने का ही कोई प्रयास किया गया है। ले देकर सिर्फ डामरीकरण को अंजाम दे दिया गया है। हाल यह हैं कि घंटाघर की निचले तल की सिढीयों तक डामरी करण कर दिया गया है। इसे देखते हुए ऐसा लगता है कि अब धीरे-धीरे निचले तल की एक –एक सिढी गायब होगी जिस पर डामर भविष्य में चढाया जाएगा। इस डामरीकरण को देखने के बाद नगर निगम के उपयंत्री,सहायक यंत्री एवं ठेकेदारों के कामों पर सवाल उठना लाजिमी है।न तो समतलीकरण न ही लेबलिंग-डामरीकरण के इस काम को बडे ही बेढंगे तरीके से अंजाम दिया गया है। पहले इस काम को सर्किल के मात्र टू लेन भाग में ही डामरीकरण किया गया था। बाद में अलग अलग भाग में टू लेन के मान से ही अंजाम दिया गया । इसके चलते कहीं सडक उंची और कहीं नीची हो रही है। टावर से ग्रांड होटल की और जाने वाले मुहाने पर उबड खाबड सडक पर ही इस डामरी करण को अंजाम दे दिया गया उसे समतल करना भी जिम्मेदारों ने वाजिब नहीं समझा है। यही नहीं टावर के 20 मीटर दायरे में यह डामरीकरण किया गया और जहां इसका हिस्सा पुरानी सडक से मिलाया गया है वहां लेबर बनाने की प्रति भी सजगता नहीं दिखाई गई है। सडक के डामरीकरण में डामर इतना कम है कि सुबह की औस में ही चुरी उसका साथ छोड रही है और सफाई के दौरान झाडू में ही सडक साफ हो रही है।टाटा के चेंबर गायब-टावर डामरी करण के साथ ही फ्र्रीगंज ओवरब्रिज से सेठी बिल्डिंग मार्ग को भी दुरूस्त किया गया है। इस पर भी डामरीकरण किया गया है। ब्रिज के मुहाने से सेठी बिल्डिंग तिराहे तक इस मार्ग में करीब 12 के लगभग टाटा की बडी लाईन के चेंबर बनाए गए थे। डामरी करण में ये सभी चेंबर दबा दिए गए हैं। अब यह तय करना मुश्किल है कि चेंबर हैं कहा और उनकी लाईनें कहां किस और डली हैं। भविष्य में यह स्थिति परेशानी का सबब बनेगी और यांत्रिकी समस्या का नया स्वरूप शुरू होना तय है।पुरानी सडकों से डामरीकरण बेमेल-डामरीकरण को चौतरफा पुरानी सडकों से बेमेल रखा गया है। नया डामरीकरण उंचा और पुराना सडक का डामरीकरण नीचा वाले हाल होने से बेवजह ही वाहन चालकों को दचके खाने पर मजबूर होना पड रहा है। इससे सुविधा देने का उदे्दश्य दुविधा में तब्दील होकर रह गया है।