उज्जैन के श्री महाकालेश्वर ज्योतिर्लिंग में 17 अप्रैल 2025, गुरुवार को प्रातःकालीन भस्म आरती के पावन अवसर पर बाबा महाकाल ने त्रिनेत्र धारण कर ‘राजा स्वरूप’ में भक्तों को दिव्य दर्शन दिए। संपूर्ण मंदिर परिसर “हर हर महादेव” और “जय महाकाल” के जयकारों से गूंज उठा।
त्रिनेत्र का दिव्य तेज और राजा स्वरूप की भव्यता
इस विशेष श्रृंगार में बाबा को त्रिनेत्र धारण कराया गया — तीसरी आंख जो शिव की दिव्य दृष्टि, संहार शक्ति और ब्रह्मांडीय नियंत्रण का प्रतीक है। उनके मस्तक पर भस्म से बना त्रिपुंड तिलक, गले में रुद्राक्ष की माला, और राजसी वस्त्रों में सजे बाबा ने राजा स्वरूप में सिंहासन पर विराजमान होकर भक्तों को दर्शन दिए।
चांदी के आभूषण, स्वर्ण मुकुट, फूलों की मालाएं और चंवर से बाबा की सेवा की गई। यह रूप देखने मात्र से श्रद्धालुओं को अपार शांति और आनंद की अनुभूति हुई।
भक्तों के लिए दिव्य अनुभूति
गुरुवार को होने वाले श्रृंगार विशेष माने जाते हैं, और इस दिन का राजा स्वरूप श्रृंगार बाबा की महिमा को और भी अधिक तेजस्वी बना देता है। बाबा के इस दिव्य दर्शन से हजारों श्रद्धालुओं ने आध्यात्मिक ऊर्जा और आशीर्वा
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