उज्जैन। मकर संक्रांति का पर्व 3 दिन पहले मनाया गया था, लेकिन अब भी पतंगबाजी का सिलसिला जारी है और प्रतिबंधित डोर से पतंगबाजी हो रही है। जिसका घातक परिणाम शुक्रवार शाम को होना सामने आया। बाइक सवार का गला और हाथ बुरी तरह से कट गया। उसे उपचार के लिये चरक भवन लाया गया, जहां से परिजन निजी अस्पताल में भर्ती किया गया है। डॉक्टरों ने 18 से 20 टांके लगाये है।
दिसंबर माह की शुरूआत होने के बाद ही प्रशासन ने चायना डोर पर प्रतिबंध लगा दिया था। पुलिस ने सर्चिंग अभियान चलाया और 20 से अधिक पतंग उड़ाने वालों के साथ 8 से 10 लोगों को चायना डोर बेचने के मामले में गिरफ्तार किया। बावजूद चायना डोर से पतंगबाजी होना सामने आया और मकर संक्रांति पर ही 15 से अधिक लोग घायल हो गये। मकर संक्रांति बीतने के बाद राहत की सांस ली गई थी, लेकिन शुक्रवार को प्रतिबंधित डोर से बड़ा घटनाक्रम हो गया। फाजलपुरा में रहने वाला मोहम्मद इरशाद पिता मोहम्मद इस्माईल 21 वर्ष साथी शादमान के साथ ढांचाभवन उद्योगपुरी से बाइक पर सवार होकर घर आ रहा था। अचानक चायना डोर सामने आ गई और गले में उलझ गई। वह डोर को निकाल पाता उससे पहले गला लहूलुहान हो गया। उसे हाथ से डोर पकड़ ली थी, जिसे दूसरी ओर से खींचा जा रहा था जिसके चलते हथेली भी कट गई। साथी उसे चरक भवन लेकर पहुंचा। जहां डॉक्टरों ने 18 से 20 टांके लगाकर उपचार किया। मोहम्मद इरशाद की हालत गंभीर बनी हुई थी। घटनाक्रम पता चलने पर परिवार चरक भवन पहुंच गया था। जहां से घायल को निजी अस्पताल ले जाया गया है। परिजनों ने बताया कि मोहम्मद इरशाद फाजलपुरा में ही संचालित होने वाले रोशन दवाखाने पर कम्पाउंडर का काम करता है। गौरतलब हो कि प्रशासन और पुलिस के लगातार प्रयास के बाद भी कुछ लोग अपना शौक पूरा करने के लिये लोगो की जान के दुश्मन बने हुए है। ऐसे लोगों के खिलाफ सख्त एक्शन लेना होगा तभी आने वाले समय में गंभीर हादसो को रोका जा सकता है।
इधर करंट से झुलसी 12 साल की बालिका
पतंगबाजी से जुड़ा एक घटनाक्रम विवेकानंद कालोनी की झुग्गी बस्ती में रहने वाली 12 साल की बालिका आशा पिता देवीशंकर के साथ होना सामने आया है। बालिका पतंग कटकर आने पर समीप मंदिर की छत पर चढ़ गई थी और डोर पकड़ कर बिजली के तारों में उलझी पतंग निकालने का प्रयास करने लगी। उसी दौरान उसे करंट का जोरदार झटका लगा और वह बेहोश हो गई। उसके साथ 2 बच्चे और मंदिर की छत पर चढ़े थे जो डरकर अपनी झोपड़ी में आकर छुप गये। लोगों ने घटना देखी तो बालिका को मंदिर की छत से नीचे उतारा और उपचार के लिये चरक भवन पहुंचाया। डॉक्टरों ने हाथ बुरी तरह झुलसने पर बर्न वार्ड में भर्ती किया है।