प्रयागराज। प्रयागराज महाकुंभ में संगम तट पर एक महिला तड़पती दिखी। हाथ में गंभीर घाव। सामने एक थाली है। वह बार-बार हाथ ऊपर उठाकर आने-जाने वालों को अपने घाव दिखाती। श्रद्धालु सिक्के, नोट और अनाज डालकर आगे बढ़ जाते। शाम को वह पैसे समेटकर उठी। एक व्यक्ति के साथ मिलकर बोरी में अनाज भरी और चली गई। ऐसे दृश्य महाकुंभ मेले में आम हैं। एक समूह में महिलाएं, पुरुष और बच्चे हाथ-पैर में घाव के निशान लगाकर संगम में पहुंचे हैं। वे दिनभर भीख मांगते हैं, फिर वापस चले जाते हैं। पुलिस के मुताबिक, मेला शुरू होने से पहले करीब 7 हजार भिखारी थे। जैसे ही महाकुंभ मेला शुरू हुआ भिखारियों की संख्या बढ़ती चली गई। अब यह संख्या 50 हजार तक पहुंच गई है। इसमें ज्यादातर प्रयागराज जिले के ही हैं। कुछ पड़ोसी जिले प्रतापगढ़, मिर्जापुर, चित्रकूट, वाराणसी और कौशांबी के हैं। इसके अलावा बिहार, झारखंड, पश्चिम बंगाल और मध्य प्रदेश के भिखारी भी आए हैं।