इंदौर। इंदौर में 30 वर्षीय युवक को 7 साल तक बेड़ियों में जकड़ कर रखा गया। वजह उसका मानसिक संतुलन ठीक न होना है। इतने सालों में हर मौसम चाहे सर्दी हो या गर्मी या फिर बरसात, वह ऐसे ही बेड़ियों में बंधा रहा। चौंकाने वाली बात है कि यह सब थाने से 100 मीटर की दूरी पर हो रहा था लेकिन पुलिस, समाज, राहगीर और रहवासी इसे नजरअंदाज करते रहे। सूचना मिलने के बाद इंदौर के एक एनजीओ ने नजर रखी और शुक्रवार को उसका रेस्क्यू किया।
इस दौरान रेस्क्यू टीम और पुलिस को काफी मशक्कत करनी पड़ी। उसकी मां को पैनिक अटैक आने लगे। वह काफी हिंसक हो गई। उसे बार-बार टीम की महिलाओं ने रोका तो उसने खूब झूमा-झटकी, बदसलूकी और हंगामा किया। इस बीच टीम ने महिला से बेड़ियों की चाबी छीनी और तालों को खोलने की कोशिश की गई, लेकिन जंग के कारण नहीं खुले। इसके बाद हाथ-पैर की बेड़ियों को छेनी-हथौड़े से तोड़ा गया। 2 घंटे चले रेस्क्यू के बाद युवक को छुड़ाकर इलाज के लिए मेंटल हॉस्पिटल भेजा गया है। दरअसल, शहर को भिक्षुकों से मुक्त करने का अभियान चल रहा है। जिसके तहत संस्था ‘प्रवेश’ भिक्षुकों का रेस्क्यू कर रही है। इसी दौरान युवक के बंधे होने की सूचना मिली। तस्दीक होने के बाद उसका रेस्क्यू किया गया।