इंदौर। इंदौर में एक डॉक्टर के साथ 3 करोड़ 8 लाख रुपए से ज्यादा की ठगी का मामला सामने आया है। क्राइम ब्रांच में शिकायत के बाद पुलिस ने इस मामले में 5 आरोपियों को गिरफ्तार किया। आरोपियों ने शेयर मार्केट में कई गुना मुनाफा देने का झांसा देकर ठगी को अंजाम दिया। एडिशनल डीसीपी क्राइम ब्रांच इंदौर, राजेश दंडोतिया ने बताया कि, इंदौर के एक डॉक्टर के साथ ठगी की वारदात हुई। सोशल मीडिया पर डॉक्टर की दोस्ती आरु भट्ट नामक युवती से हुई। जिसने उन्हें आॅनलाइन ट्रेडिंग पोर्टल हएइवछछ के बारे में जानकारी दी। 8 अगस्त को महिला ने उन्हें एक लिंक भेजी और उस पर पूरी डिटेल भरकर रजिस्टर करने को कहा।
रजिस्टर करने के बाद डॉक्टर ने पोर्टल पर निवेश करना शुरू किया। शुरूआत में हर बार किए गए निवेश पर पोर्टल पर अच्छा खासा मुनाफा दिखाया गया। पोर्टल के वॉलेट अकाउंट में मुनाफे की राशि दिखाई देती थी। जब डॉक्टर ने पोर्टल के वॉलेट से पैसे निकालने की कोशिश की, तो दो बार पैसे उनके बैंक खाते में ट्रांसफर हुए।
महिला ने धीरे-धीरे डॉक्टर का विश्वास जीत लिया और उन्हें अधिक मुनाफा कमाने का लालच दिया। महिला द्वारा दिए गए अलग-अलग बैंक खातों में डॉक्टर ने लगातार पैसे जमा कराए। इस तरह डॉक्टर से कुल 1 करोड़ रुपए से अधिक का निवेश करवाया गया।
डॉक्टर को दीपावली के पहले कुछ पैसों की जरूरत पड़ी तो उन्होंने पैसा निकालने के लिए आवेदन webull कंपनी के वॉट्सऐप कस्टमर केयर नंबर पर किया। पहले वे आनाकानी करने लगे, बोले की जो प्रॉफिट हुआ उसका इनकम टैक्स (30%) चुकाना पड़ेगा। डॉक्टर ने 55 लाख रुपए टैक्स के रूप में अलग-अलग खातों में जमा कर दिए। फिर पैसा निकालना चाहा और कस्टमर केयर नंबर पर संपर्क किया तो जवाब आया की रकम को रिजर्व बैंक ने रोक दिया और उसको खोलने के लिए ग्रीन चैनल ओपन करना पड़ेगा। इसकी फीस 30 लाख रुपए है। नहीं देने पर पूरा पैसा डूब जाएगा।
इस तरह डॉक्टर को ब्लैकमेल किया। मानसिक रूप से प्रताड़ित कर 30 लाख रुपए भी ले लिए। फिर भी उन्हें पैसा नहीं मिला। बदमाशों ने डिजिटल करेंसी और फ्रॉड एग्रीमेंट, डिजिटल करेंसी और फ्रॉड सिक्योरिटी एग्रीमेंट के एवज में 17 लाख 81 हजार रुपए मांगे। नहीं देने पर सारा पैसा डूबने की बात कही। इस पर डॉक्टर ने ये पैसा भी अलग-अलग खातों में जमा करा दिया।
इसके बाद डॉक्टर ने पैसा निकालने की कोशिश की तो कहा कि, कंपनी के वॉलेट में जो पैसा है। उसकी सुरक्षा के लिए इंटरनेशनल ब्लॉक चेन सर्वर सिक्योरिटी इंश्योरेंस करना पड़ेगा। इसके लिए 25 लाख रुपए देना होगा। नहीं तो पैसा और वॉलेट दोनों खत्म कर देंगे। इस पर एक बार फिर डॉक्टर ने ये पैसा भी जमा करा दिए।
ठगों ने समय-समय पर कंपनी के कस्टमर केयर वॉट्सऐप नंबर और अज्ञात महिला के द्वारा बताए गए बैंक खातों में डॉक्टर ने 66 ट्रांजैक्शन किए। इन 66 ट्रांजैक्शन के माध्यम से बदमाशों ने 3 करोड़ 8 लाख 36 हजार 293 रुपए डॉक्टर से अलग-अलग बैंक खातों में जमा करा लिए। पैसा नहीं मिलने पर डॉक्टर ने अपने बेटे को बताया, इसके बाद उन्होंने शिकायत की। क्राइम ब्रांच ने केस दर्ज कर जांच की और 5 आरोपियों को गिरफ्तार किया।