श्री महाकालेश्वर मंदिर अन्नक्षेत्र से लिया जाता था भोजन नि:शुल्क भोजन भी निरंतर नहीं बाट सका नगर निगम -दिनदयाल अंत्योदय रसोई योजना के तहत किया जाता है संचालित

उज्जैन। दिनदयाल अंत्योदय रसोई योजना के तहत गरीबों को भोजन वितरण की नगर निगम की व्यवस्था पर सवाल खडा हो रहा है। श्री महाकालेश्वर मंदिर के अन्नक्षेत्र से नि:शुल्क मिल रहे भोजन की व्यवस्था को भी नगर निगम निरंतर नहीं रख पाया और पिछले एक साल से योजना बंद थी। महापौर के संज्ञान के बाद गणतंत्र दिवस से एक बार फिर मंदिर के अन्नक्षेत्र से भोजन लेकर नगर निगम आश्रय स्थलों पर उपलब्ध करवाएगा।नगर निगम दिनदयाल अंत्योदय रसोई के तहत गरीबों को नि:शुल्क भोजन उपलब्ध करवाने की योजना का संचालनकर्ता है। इस योजना में गरीबों के आश्रय स्थलों पर प्रति दिन उन्हें नगर निगम की और से नि:शुल्क बना बनाया भोजन वितरण करना होता है। यह योजना पिछले करीब एक वर्ष से नगर निगम ने बंद कर रखी थी। इसके पीछे नगर निगम के प्रभारी सहायक आयुक्त स्तर के अधिकारी का कहना है कि महाकाल फेस -2 के दौरान वहां अन्न क्षेत्र बंद रहा था जिसके बाद नए अन्न क्षेत्र में शिफ्टिंग के दौरान यह बंद हुआ था । मंदिर के सूत्रों के अनुसार अन्न क्षेत्र से बनने वाला प्रसाद प्रतिदिन भगवान को अर्पण होता है ऐसे में शिफ्टिंग के दौरान भी अन्न क्षेत्र बंद नहीं हुआ थोडी बहुत व्यवस्था परिवर्तन की स्थिति जरूर हो सकती है। पूर्व में अन्न क्षेत्र से करीब 6 आश्रय स्थलों के लिए 3 हजार गरीबों के लिए भोजन प्रसादी दी जाती रही है। नगर निगम से हाल ही में पत्र देकर  करीब इतने ही लोगों के लिए प्रसादी की मांग रखी गई है जो नि:शुल्क उपलब्ध करवाई जाएगी। प्रसादी भोजन लेने और वितरण की जिम्मेदारी नगर निगम की ही रहती है।एक साल के अवरोध के बाद आज से पून: शुरू-शनिवार को महाकाल मंदिर प्रबंध समिति की बैठक आयोजित की गई थी। बैठक में निर्णय हुआ कि नगर निगम द्वारा संचालित आश्रय स्थलों में महाकालेश्वर मंदिर प्रबंध समिति द्वारा संचालित अन्न क्षेत्र का प्रसाद आश्रय स्थलों में जरूरतमंद नागरिकों के लिए उपलब्ध करवाया जाएगा। महापौर मुकेश टटवाल ने बताया कि समिति की बैठक में कहा गया कि आश्रय स्थलों में पुनः महाकाल मंदिर के प्रसाद की व्यवस्था की जाए जिसके क्रम में निर्णय किया गया कि रविवार 26 जनवरी से आश्रय स्थलों में भोजन की उपलब्धता की जाएगी।विभाग के अनुसार दीनदयाल रसोई योजना-प्रदेश के नगरीय क्षेत्रों में व्यवसाय एवं श्रम कार्यो हेतु ग्रामीण क्षेत्रों से गरीब परिवारों का आगमन होता है। नगरीय क्षेत्रों में रैन बसेरा / आश्रय स्थल का निर्माण कर अस्थायी आवास की व्यवस्था की जाती है, परन्तु भोजन की समुचित व्यवस्था न होने से गरीब परिवारों को कठिन परिस्थितियों का सामना करना पडता है तथा कार्य एवं व्यवसाय की तलाश में आने वाले गरीब परिवारों को भोजन की व्यवस्था हेतु यहाँ-वहाँ भटकना पडता है। साथ ही कई गरीब शहरी परिवारों को भी वर्तमान में सस्ते दर पर पौष्टिक भोजन की व्यवस्था उपलब्ध नहीं हो पाती है। इसे दृष्टिगत रखते हुए प्रदेश में “दीनदयाल रसोई योजना” प्रदेश के 52 जिला मुख्यालयों एवं 6 धार्मिक नगरी मैहर, अमरकंटक, महेश्र्वर, ओमकारेश्रवर, चित्रकूट एवं ओरछा 191 रसोई केन्द्रों का संचालन आरम्भ किया गया ।वेबसाईट की कहानी आश्चर्य जनक-प्रदेश के नगरीय प्रशासन एवं आवास विभाग ने दिनदयाल अंत्योदय रसोई योजना के बारे में अपनी वेबसाईट पर जो जानकारी दी है उसके अनुसार प्रदेश में कुल 191 रसोई केंद्र हैं। इनमें सेवा प्रदाता संस्था कुल 239 हैं। उज्जैन में यह योजना 10 रसोई केंद्रों से संचालित होती है। उज्जैन में कुल सेवा प्रदाता संस्था 6 हैं। इनमें लाभार्थी 8 लाख 66 हजार 973 वेबसाईट पर बताए जा रहे हैं।2023 में हुई थी योजना की शुरूआत-मध्य प्रदेश के तत्कालीन मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान द्वारा दीनदयाल अंत्योदय रसोई योजना का शुभारंभ किया गया था। इस योजना के तहत गरीब परिवारों को मात्र 10 रुपए में ताजा और पौष्टिक भोजन उपलब्ध कराया जाएगा। इसके लिए एक ऑनलाइन पोर्टल भी शुरू किया गया है, जहां से योजना से जुड़ी जानकारी जैसे रसोई केंद्र, सेवा प्रदाता और पोर्टल पर दान आदि प्राप्त कर सकते हैं। मध्य प्रदेश सरकार द्वारा इस योजना के माध्यम से राज्य के सभी 52 जिलों में ताजा और पौष्टिक भोजन उपलब्ध कराया जाएगा। दीनदयाल अंत्योदय रसोई योजना के तहत 253 सेवा प्रदाता संस्थाएं भाग ले रही हैं। साथ ही 6 धार्मिक नगरों – महेश्वर, अमरकंटक, ओंकारेश्वर, चित्रकूट और ओरछा में रसोई खोली जाएगी, ताकि भूखे लोगों को मात्र 10 रुपए में भरपेट भोजन मिल सके। इसके अलावा मध्य प्रदेश सरकार द्वारा 153 रसोई केंद्र संचालित किए जा रहे हैं।इस योजना के माध्यम से मध्य प्रदेश सरकार का उद्देश्य राज्य के मजदूरों, रिक्शा चालकों, ऑटो रिक्शा चालकों, छात्रों, कामकाजी महिलाओं, वरिष्ठ नागरिकों और अन्य जरूरतमंद लोगों को मात्र 10 रुपये में स्वादिष्ट और पौष्टिक भोजन उपलब्ध कराना है। इस योजना से मध्य प्रदेश के सभी गरीब नागरिकों को दो वक्त का सस्ता और पौष्टिक भोजन मिल सकेगा। मध्य प्रदेश के 52 जिलों में सरकार द्वारा रसोई बनाई गई है। वर्तमान में मध्य प्रदेश में कुल 153 रसोई केंद्र स्थापित किए गए हैं। इस योजना के तहत 10 रुपये में मिलने वाली भोजन की थाली में दाल,चावल,सब्जी,चपाती,अचार,चटनी व्यंजन शामिल होने की बात कही गई थी।योजना को लेकर मैं जानकारी लेकर बता सकुंगा , अब तक मेरे सामने यह मसला आया नहीं था। कल से हम आश्रय स्थलों पर वितरण की व्यवस्था कर रहे हैं।-मनोज मौर्य, उपायुक्त, नगर निगम, उज्जैन-दिनदयाल अंत्योदय रसोई योजना के तहत नि:शुल्क भोजन प्रसादी मंदिर की अन्नशाला से लेकर वितरण करते हैं। महाकाल फेज 2 के कार्य के समय मंदिर की भोजन शाला परिवर्तन के समय से यह बंद था।प्रदीप सेन,प्रभारी सहायक आयुक्त,नगर निगम उज्जैन-मंदिर समिति को कुछ दिनों पूर्व नगर निगम से पत्र मिला है। 3 हजार लोगों के लिए प्रसादी की मांग रखी गई है। पूर्व में भी हम इतना ही नि:शुल्क देते रहे हैं। अन्नशाला परिवर्तन के दौरान भी हमारे यहां भोजनशाला का कार्य प्रभावित कभी नहीं हुआ,भगवान को भोग ही अन्नशाला से बने प्रसाद से लगता है।-मूलचंद जूनवाल, सहायक प्रशासक श्री महाकालेश्वर मंदिर प्रबंध समिति,उज्जैन

Author: Dainik Awantika