उज्जैन। उज्जैन के सांदीपनी नगर निवासी रौनक गुर्जर नर्मदा परिक्रमा कर शिप्रा नदी रामघाट पहुंचे जहां नदी में स्नान करने के लिए उतरते वक्त अचानक उनका पैर फिसल गया और नदी के अंदर जा गिरे। इस दौरान रौनक गुर्जर ने कई भक्तों को अपनी आंखों से घाट पर काई के चलते फिसल कर नदी में गिरते हुए देखा। तभी गुर्जर ने संकल्प लिया कि जब तक शिप्रा नदी के घाट की काई को साफ नहीं कर देता तब तक घर नहीं लौटूंगा। इसके बाद 26 जनवरी से रौनक गुर्जर ने दत्त अखाड़े पर तंबू लगाकर अखंड रामायण पाठ शुरू किया और शिप्रा नदी के घाट पर काई को साफ करने का काम शुरू किया। रौनक गुर्जर ने बताया है कि जब तक घाट पर काई पूरी तरह से साफ नहीं हो जाती मैं घर नहीं लौटूंगा साथ ही घाट पर ही रहकर अखंड रामायण पाठ करूंगा। संत पीर गुरुजी महाराज ने उनके इस कार्य की सराहना करते हुए अपना समर्थन किया फिलहाल रौनक गुर्जर अपने साथियों के साथ मिलकर घाट पर काई साफ करने का कार्य कर रहे हैं। साथ ही घाट पर अखंड रामायण पाठ का भी आयोजन जारी है।