फेरबदल के बाद डेली काॅलेज बोर्ड में और बढ़ा विवाद
विक्रम मिले मुख्यमंत्री से, झाबुआ निर्णय के खिलाफ करेंगे अपील
ब्रह्मास्त्र इंदौर। डेली काॅलेज बोर्ड ऑफ गवर्नर्स में उलटफेर के बाद अध्यक्ष बने विक्रम पवार गुरुवार को भोपाल पहुंचे और मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान से मुलाकात की। उनके साथ देवास विधायक व उनकी माताजी गायत्री राजे भी थीं। अब पवार और नवनियुक्त प्रिंसिपल गुरमीत कौर बिंद्रा संभवत: आज पदभार संभालेंगे। इधर, हटाए गए प्रेसीडेंट नरेंद्र सिंह झाबुआ और उनके पुत्र जय सिंह पूरा दिन अपने करीबियों के साथ बैठक करते रहे।
झाबुआ ने बेटे जयसिंह के पैरेंट्स नॉमिनी बनने वाली 14 दिसंबर को हुई बोर्ड बैठक को मुद्दा बनाया है। इसी आधार पर वे फर्म एंड सोसायटी में अपील करने की तैयारी में हैं। बैठक में ओल्ड डोनर्स की तरफ से वे खुद और प्रियव्रत सिंह, ओल्ड डेलियंस से संदीप पारीख, धीरज लुल्ला, न्यू डोनर्स से माेनू भाटिया और तत्कालीन उपाध्यक्ष विक्रम पवार भी मौजूद थे। इस बैठक का राज्यवर्धन सिंह ने बहिष्कार किया था।
झाबुआ का तर्क है कि तब सभी सदस्यों ने जय सिंह के पक्ष में वोट किया था तो फिर वे अकेले इसके जिम्मेदार कैसे हुए। जय के नाम का प्रस्ताव भी बोर्ड के सदस्यों ने ही किया था। फर्म एंड सोसायटी ने एकतरफा कार्रवाई की और बोर्ड ने उस आधार पर उन्हें हटा दिया।
राज्यवर्धन बोले- महिला सदस्य बना सकते थे, पर बेटे के लिए अड़े
उपाध्यक्ष राज्यवर्धन सिंह के मुताबिक, जब पैरेंट्स नॉमिनी की बात चली थी, तब मैंने सुझाव दिया था कि स्कूल के किसी पैरेंट्स को इसमें लें। दूसरा विकल्प महिला सदस्य का था, लेकिन झाबुआ बेटे के लिए अड़ गए। वे बोर्ड में किसी की चलने नहीं देते थे। तब अड़ते नहीं तो आज ये नौबत नहीं आती। ये बात सही है कि कुछ सदस्यों ने तब उनके पक्ष में वोट किया था, अब परिस्थितियां बदल चुकी हैं। सदस्यों को लगा गलत हुआ है तो उन्होंने झाबुआ को हटाने का फैसला किया।