शाम के समय सीधे आकाश में आंखों से दिख रहे प्रमुख ग्रह -आकाश में ग्रहों को देखने के लिए वेधशाला में शिविर -शिविर में विशेष टेलीस्कोप से नाम मात्र के शुल्क पर दिखाए जाएंगे

दैनिक अवंतिका उज्जैन।  वर्तमान समय में आकाश में हम ग्रहों को बहुत अच्छे प्रकार से देख पा रहे हैं। यदि हम इन्हें 3 फरवरी 2025 के संबंध में देखे तो सायन गणना के अनुसार सूर्य कुम्भराशि में 14 अंश 40 कला पर है तथा सूर्यास्त का समय सायं 6:15 बजे पर है। शासकीय जीवाजी वेधशाला में 5 दिवसीय आकाशीय अवकलोकन शिविर का आयोजन किया जा रहा है।

वेधशाला अधीक्षक डॉ० राजेन्द्र प्रकाश गुप्त के अनुसार पश्चिम की ओर क्षितिज से लगभग 45 अंश ऊपर सबसे चमकदार शुक्र ग्रह दिखाई दे रहा है। शुक्र ग्रह मीन राशि में 29 अंश 12 कला पर है। इसी प्रकार पश्चिम की ओर क्षितिज से लगभग 30 अंश ऊपर शुक्र ग्रह के नीचे सबसे सुन्दर ग्रह शनि दिखाई दे रहा है। शनि ग्रह भी मीन राशि में 17 अंश 41 कला पर है। सौर परिवार का सबसे बड़ा ग्रह बृहस्पति मिथुन राशि में 11 अंश 17 कला पर है। इसे सायं के समय सिर के ऊपर अच्छे प्रकार से देखा जा सकता है। पृथ्वी से सबसे अधिक समानता रखने वाला लाल ग्रह मंगल कर्क राशि में 19 अंश 50 कला पर है। मंगल ग्रह को सूर्यास्त के बाद पूर्व दिशा में क्षितिज से लगभग 45 अंश ऊपर चमकदार तारे के रूप में देख सकते है। चन्द्रमा मेष राशि में 21 अंश 17 कला पर है। इस प्रकार पश्चिम से पूर्व की ओर सूर्यास्त के बाद क्रम से शनि, शुक्र, बृहस्पति एवं मंगल ग्रह का अवलोकन हम बिना किसी उपकरण की सहायता से केवल आँखों से देखकर ही कर सकते हैं। शुक्ल पक्ष का प्रतिदिन बढ़ता हुआ हमारा चन्द्रमा तो आकाश में दिख ही रहा है।

शिविर में चंद्रमा के गड्ढे तक देख सकेंगे-

इस प्रकार चार खगोलीय पिण्डों के अवलोकन के लिए एवं अपनी जिज्ञासा के समाधान का यह सबसे उपयुक्त अवसर है। उक्त स्थितियों को दृष्टिगत रखते हुए वेधशाला में 03 से 07 फरवरी तक सांय 6:00 बजे से रात्रि 8:00 बजे तक आकाशीय अवकलोकन शिविर का आयोजन किया जा रहा है। शिविर में 10 वर्ष से अधिक उम्र के प्रतिभागी सहभागिता कर सकते हैं। शिविर के अन्तर्गत प्रतिभागियों को आकाशीय जानकारी प्रदान की जायेगी एवं 8 इंच व्यास के टेलिस्कोप से चन्द्रमा की सतह के गढ़ढ़े, पहाड़ आदि सौर मण्डल के सबसे बड़े ग्रह वृहस्पति की सतह की पट्टियों एवं उसके उपग्रहों; सौर मण्डल के सबसे सुन्दर ग्रह शनि को उसकी वलय के साथ (रात्रि 7:20 बजे तक), मंगल ग्रह को उसकी लाल आभा के साथ तथा पृथ्वी के नजदीक ग्रह शुक्र को उसकी चन्द्रमा की तरह कलाओं के साथ अवलोकन करवाया जायेगा। आकाशीय अवलोकन के लिये आकाश का खुला होना आवश्यक है। शिविर में प्रति सहभागी रूपये 20/- शुल्क रहेगा।

Author: Dainik Awantika