दैनिक अवंतिका उज्जैन। पिछले एक माह में बार बार तापमान में बदलाव के हालात से बीमारियों का दौर सा चल पडा है। इनमें अधिकांश सर्दी-खांसी,जुकाम के मामले सामने आ रहे हैं। हाल यह हैं कि 5-7 दिन में ठीक होने वाली सर्दी खांसी अब 15-20 दिन में ठीक हो रही है। प्रारंभिक दौर में दवा भी बराबर असर नहीं कर रही है। दो से तीन बार दवाओं के बदलाव के बाद जाकर मरीज ठीक हो पा रहे हैं।
मौसम में बदलाव के चलते बीमारियों का प्रकोप अधिक हो रहा है। बच्चों से लेकर बुजुर्गों में सर्दी-खांसी के मामले बढ़ रहे हैं। इनको ठीक होने में 3 से 4 गुना अधिक समय लग रहा है। सर्दी-खांसी जैसी सामान्य बीमारी पहले तीन से पांच दिन में ठीक हो जाती थी। अब 15 से 20 तक का समय लग रहा है। दवाइयां देने के बाद भी बच्चों में समस्या बढ़ती जा रही है। चिकित्सा के जानकारों के अनुसार खान-पान में प्रिजर्वेटिव यानी संरक्षित करके रखी जैसे फ्रीज में रखे खाद्य पदार्थों को खाने से इम्युनिटी कमजोर हो रही है। प्रदूषण व नए-नए वायरस से शरीर लड़ने में असमर्थ हो रहा है। लोगों को सावधानी रखने की आवश्यकता है। तापमान में उतार-चढ़ाव से सर्दी-खांसी के मरीज बढ़ रहे हैं। बच्चों में समस्या अधिक है। इसके साथ यह धीरे-धीरे गंभीर भी होती जा रही है। कोविड के बाद से सामान्य बीमारियों को भी ठीक होने में अधिक समय लग रहा है, जो चिंता का विषय है। चिकित्सक दवाइयां बदल-बदलकर मरीजों को ठीक करने का प्रयास कर रहे हैं। बच्चों में सर्दी से कफ बनकर फेफड़ों को नुकसान पहुंचा रही है।
एक माह भी लग रहा बच्चों को-
कई बच्चों को बड़े अस्पताल के अलावा निजी अस्पतालों में भी मरीजों की भीड़ देखी जा सकती है। कई छोटे बच्चों को सर्दी-खांसी की समस्या होने के बाद पहले 07 दिन के डाक्टरों की दवाइयों से आराम ही नहीं हो रहा है। यहां तक की ऐसे बच्चों को नेबुलाइज मशीन से दवाई की भाप देना पड रही है। नेबूलाईजेशन बंद करते ही सर्दी-खांसी बढ रही है। निरंतर एक सप्ताह तक ऐसा करना पड रहा है। यहां तक की बच्चों को सुबह-शाम इंजेक्शन के डोज देने पर कहीं जाकर उन्हें 20-25 दिन में सर्दी-खांसी से राहत मिल रही है।
फ्रीज के ठंडे खाने से बचें, मास्क का उपयोग करें-
बाल एवं शिशु रोग चिकित्सकों के अनुसार अभी यह समस्या अधिक देखने में आ रही है। इसके पीछे भोजन सामग्री में प्रिजर्वेटिव के उपयोग से इम्युनिटी कमजोर हो रही है। प्रदूषण भी एक बड़ी वजह है। प्रदूषण के साथ नए-नए वायरल ज्यादा सफर कर रहे हैं। इससे सर्दी-खांसी सही होने में भी समय लग रहा। धीरे-धीरे यह शरीर में इन्फेक्शन बढ़ा देते हैं। इससे फेफड़े भी कमजोर हो रहे। मास्क केवल कोविड में ही जरूरी नहीं है। मास्क लगाने से प्रदूषण से बचा जा सकता है, साथ ही हवा सीधे नाक में प्रवेश नहीं करती। इससे सर्दी की आशंका कम हो जाती है। इसी के साथ एंटीबायोटिक का उपयोग ना के बराबर करें, चिकित्सक लिखे वो ही दवाई लें।