विघ्नहर्ता का विघ्न हरने आगे आए “सत्यनारायण”
छोटा गणपति मंदिर के लिए रहवासी जुटे, बोले- एक ईंट भी नहीं हटाने देंगे
ब्रह्मास्त्र इंदौर। स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट के तहत बड़ा गणपति से कृष्णपुरा छत्री तक सड़क चौड़ीकरण का काम 14 जून तक पूरा करना है, लेकिन यह इतना आसान नहीं है। इसकी जद में 20 मंदिर आ रहे हैं, जिसमें मल्हारगंज का 200 साल पुराना छोटा गणपति मंदिर भी है। रहवासियों ने इसे तोड़े जाने के विरोध में आंदोलन शुरू कर दिया है।
गुरुवार को भाजपा नेता और कवि सत्यनारायण सत्तन ने मीटिंग बुलाकर मंदिर संरक्षण को लेकर चर्चा की। उनका कहना है मंदिर तोड़े बिना भी रास्ता निकाला जा सकता है। यहां सालों से लोग आ रहे हैं। उनकी आस्था जुड़ी है। मंदिर की एक भी ईंट को क्षति नहीं पहुंचना चाहिए। अगर इसे तोड़ा तो पूरा मंदिर धराशायी हो जाएगा।
छोटा गणपति मंदिर पिता-पुत्र मंदिर के नाम से भी जाना जाता है। छोटा गणपति मंदिर को पिता-पुत्र मंदिर के नाम से भी जाना जाता है। पुरातन निर्माण शैली के इस मंदिर में स्टोन भी लगे हैं। शिवलिंग व समाधि स्थल भी है। किबे परिवार इसकी देखरेख करता था। बाद में हेरंब न्यास ट्रस्ट गठित किया जो इसकी देखरेख करता है। इसका पांच फीट हिस्सा सड़क चौड़ीकरण में आ रहा है। मंदिर से जुड़े अजय किबे कहते हैं यह हेरिटेज प्रॉपर्टी है।
बड़ा गणपति को छोड़ बाकी की सहमति नहीं मिली- सड़क 18 मीटर चौड़ी बनाई जा रही। इसकी जद में 20 मंदिर आ रहे। जिनके मंदिर मार्ग में आ रहे, वे जगह देने को तैयार नहीं हैं। संवेदनशील मुद्दा होने से निगम अधिकारी भी खुलकर बात नहीं कर रहे। पिछले दिनों बड़ा गणपति मंदिर पुजारी परिवार ने मेन गेट पीछे करके पांच-छह मीटर जगह दी। अन्य की सहमति नहीं मिली है।