मेधावी विद्यार्थी कर रहे दस माह से लैपटॉप मिलने का इंतजार

प्रस्ताव भेजा है लेकिन राशि नहीं दे सके है अभी तक
-75 प्रतिशत अंक लाने वाले विद्यार्थियों को मिलते है 25 हजार

उज्जैन। जिले के मेधावी विद्यार्थियों को करीब दस माह से लैपटॉप मिलने का इंतजार है। हालांकि स्कूली शिक्षा विभाग ने राशि आवंटन के लिए प्रस्ताव वित्त विभाग को भेज दिया है लेकिन बावजूद इसके अभी तक लैपटॉप नहीं मिल सके है। बता दें कि कक्षा 12 वीं में 75 प्रतिशत से अधिक अंक लाने वाले विद्यार्थियों को लैपटॉप लाने के लिए 25 हजार की राशि दी जाती है लेकिन यह राशि बीते शैक्षणिक सत्र 2023-24 के ही विद्यार्थियों को नहीं मिल सकी है। पूरे प्रदेश के साथ ही जिले के मेधावी विद्यार्थियों की लैपटॉप मिलने की उम्मीद अभी तो टूटी हुई है।

वर्ष 2023-24 के 12वीं के मेधावी विद्यार्थियों को यह राशि अब तक नहीं मिली है। अधिकारियों का कहना है कि राशि के लिए प्रस्ताव बनाकर वित्त विभाग को भेजा गया था, लेकिन अभी तक राशि नहीं मिली है। इससे विद्यार्थियों को लैपटॉप के लिए राशि नहीं दे सके हैं। इस बार राशि नहीं मिलने से वर्ष 2024-25 की माशिमं के 12वीं के मेधावियों को राशि मिलने पर संशय बना हुआ है। दरअसल, माध्यमिक शिक्षा मंडल (माशिमं) की 12वीं की परीक्षा में 75 प्रतिशत से अधिक अंक लाने वाले विद्यार्थियों को लैपटाप के लिए 25 हजार रुपये की राशि दी जानी है। इस वर्ष परीक्षा परिणाम जारी हुए 10 माह बीत चुके हैं। अब तक शासन से इसके लिए बजट की स्वीकृति ही नहीं दी गई है।

सरकारी स्कूलों का सत्र समाप्त होने में दो माह का समय शेष है, लेकिन अब तक पिछले वर्ष के मेधावी विद्यार्थियों को लैपटॉप के लिए राशि का वितरण नहीं हो पाया है। स्कूल शिक्षा विभाग ने मेधावी विद्यार्थियों की संख्या भी शासन को सौंपी हैं, लेकिन अब तक शासन से लैपटाप के लिए राशि नहीं मिल पाई है। माशिमं बारहवीं के मेधावी विद्यार्थियों को लैपटॉप के लिए 25-25 हजार रुपये राशि देने की योजना मुख्यमंत्री प्रोत्साहन योजना के तहत वर्ष 2009-10 में शुरू की गई थी। योजना के प्रारंभ में मेधावी विद्यार्थियों का क्राइटेरिया 85 फीसदी अंकों तक रखा गया था। इस दौरान विद्यार्थियों की संख्या भी 20 से 25 हजार के आसपास होती थी। धीरे-धीरे विद्यार्थियों के पासिंग मार्क्स भी कम किए गए। एक बार 70 फीसदी तक मार्क्स किए गए थे। वर्तमान में बारहवीं में 75 फीसदी का क्राइटेरिया है। इसके साथ ही शासकीय स्कूलों के बारहवी में एक टॉपर को स्कूटी भी देने की योजना शुरू की है। वह सिर्फ स्कूल में टॉपर होना चाहिए। चाहे वह बारहवीं में सेकंड श्रेणी में पास हुआ हो।

Author: Dainik Awantika