दैनिक अवंतिका उज्जैन। इन दिनों माघ मास की गुप्त नवरात्रि चल रही है। उज्जैन में देश के 51 शक्तिपीठों में एक हरसिद्धि मंदिर सहित देवी मंदिरों में पंडितों द्वारा गुप्त साधनाएं की जा रही है। वहीं भक्त अपनी ओर से दीपमालिकाएं भी जलवा रहे हैं। इन दीपमालाओं को जलवाने के लिए कई महीनों पहले से इसकी बुकिंग कराना पड़ती है। क्योंकि दीपमालाएं जलाने वालों की संख्या अब धीरे-धीरे बढ़ने लगी है।
गुप्त नवरात्रि में विशेष रूप से तंत्र, मंत्र और यंत्र की साधना की जाती है जिससे कई गुना फल मिलता है। इसलिए श्रद्धालु अपनी विभिन्न मनोकामनाए को लिए देवी के दरबार में पूजा-पाठ अनुष्ठान आदि करवा रहे हैं। इसके अलावा मां गढ़कालिका, चामुंडा माता, नगरकोट माता, चौबीस खंबा देवी, भूखी माता आदि मंदिरों में भी विशेष पूजन और अनुष्ठान किए जा रहे हैं।
हरसिद्धि में भक्त दीपमाला
भी जलवा रहे, पहले से बुक
हरसिद्धि मंदिर में कई भक्त नवरात्रि के विशेष मौके पर अपनी ओर से दीपमालाएं भी प्रज्वलित करवा रहे हैं। प्रतिदिन संध्या आरती के समय ये दीपमालाएं जलाई जा रही है। इसकी पहले से बुकिंग हो जाती है। मंदिर प्रांगण में मौजूद दोनों दीपमालिकाएं राजा विक्रमादित्य के समय से प्रज्वलित की जा रही हैं। मंदिर के पुजारी राजू गुरु गोस्वामी ने बताया कि राजा विक्रमादित्य माता हरसिद्धि के अनन्य भक्त थे और उन्हें माता के आशीर्वाद से नवरत्न और चक्रवर्ती सम्राट होने का वरदान मिला था।
हरसिद्धि की दीपमालाएं जलाने
के लिए पहले से होती है बुकिंग
वर्ष भर में चैत्र और अश्विन मास की प्रकट नवरात्रि के अलावा, माघ और आषाढ़ की गुप्त नवरात्रि में हरसिद्धि में दीपमालाएं जलाई जाती थी। लेकिन अब तो वर्षभर ही श्रद्धालु अपनी ओर से उन्हें जलवाते रहते हैं। मंदिर समिति के कार्यालय में जाकर इसका निर्धारित शुल्क जमा कर रसीद कटवाना होती है।