भोपाल। भोपाल के कुशाभाऊ ठाकरे कन्वेंशन सेंटर में मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने 12 स्कूली विद्यार्थियों को स्कूटी की चाबियां सौंपी। इसके बाद सरकारी स्कूलों के 7,800 प्रतिभाशाली छात्रों को मुफ्त स्कूटी के लिए प्रतीकात्मक रूप से प्रमाण पत्र दिए गए। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा- मेरिट से काम नहीं बनेगा, नैतिकता भी चाहिए। घर के अंदर कुछ भी चलता रहे लेकिन बाहर यह बात नहीं जानी चाहिए। हमारे संस्कार ऐसे होने चाहिए कि हम आपस के मनमुटाव को बाहर दिखने न दें। सीएम ने कहा कि प्रतिभाशाली बच्चे जीवन में बहुत कुछ कर सकते हैं लेकिन प्रतिभा के साथ संस्कार होना भी जरूरी है। सिर्फ पढ़ा लिखा व्यक्ति ही सब कुछ नहीं होता है, गुणी होना भी जीवन में आवश्यक है। मुख्यमंत्री ने कहा- पन्ना धाय ने अपने देश के लिए अपने ही बच्चे की हत्या होते देखी है। कंस के अत्याचार पर उसे मारने के बाद भगवान कृष्ण ने सत्ता पर फिर महाराज को बैठाकर गणतंत्र की स्थापना की। सहसांक विक्रमादित्य असंभव को संभव करने वालों में थे। सुक्रम (आसान क्रम) तो कोई भी कर सकता है लेकिन विक्रम (विपरीत क्रम) तो सिर्फ विक्रमादित्य ही कर सकते हैं।