अपर मुख्य सचिव ने सिंहस्थ की बैठक में नहीं बुलाया, उज्जैन की अखाड़ा परिषद में नाराजगी – अध्यक्ष महंत रामेश्वर दास बोले – अफसरों को अब हमारे बिना ही करने दो सिंहस्थ

 

दैनिक अवंतिका उज्जैन। 

अपर मुख्य सचिव डॉ. राजेश राजोरा ने उज्जैन में सिंहस्थ 2028 की तैयारियों को लेकर दो दिनों तक बैठक ली, निरीक्षण भी किए लेकन उज्जैन के साधु-संतों को नहीं बुलाया इससे स्थानीय अखाड़ा परिषद में नाराजगी है। स्थानीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत डॉ. रामेश्वर दास महाराज ने कहा कि अफसरों को अब हमारे बिना ही सिंहस्थ कर लेने दो। 

उन्होंने यह भी कहा कि यदि ऐसा रहा तो वे अब आगे से बुलाने पर भी सिंहस्थ की बैठकों में नहीं जाएंगे। आपको बता दे कि रविवार व सोमवार को डॉ. राजोरा ने उज्जैन में सिंहस्थ कार्यों की समीक्षा बैठक ली थी जिसमें संभागभर के अफसर और जनप्रतिनिधि शामिल हुए थे। केवल अखाड़ों से जुड़े एक भी साधु-संत को नहीं बुलाया गया इससे संतों में नाराजगी है। 

2 साल बचे तैयारियां अधूरी, सीएम 

यादव ने तो कहा था आपको बुलाएंगे 

सिंहस्थ 2028 में लगना है। ऐसे में सारे काम 2027 में पूरे हो जाने चाहिए। अब महज 2 साल ही इसके लिए बचे है। इसके बावजूद तैयारियों अधूरी नजर आ रही है। शासन-प्रशासन के पास इतने बड़े आयोजन के लिए 2 साल का ही समय शेष रह गया है। इसके बावजूद अफसर संत समाज को नजर अंदाज कर रहे हैं। शासन अभी तक किसी भी बैठक में संत समाज को बुलाया ही नहीं है। इसके पहले जब साधु-संत भोपाल में सीएम डॉ. मोहन यादव के पास मिलने गए थे तो उन्होंने कहा था की जब भी सिंहस्थ को लेकर बैठक होगी तो सबसे पहले आपको आमंत्रित करेंगे। लेकिन यहां तो बैठक में आमंत्रित ही नहीं किया, ना संतों से कोई राय ली।बिन संतों के अखाड़ों की पेशवाई

मार्ग देखने गए, मेला क्षेत्र भी घूमे

अपर मुख्य सचिव डॉ. राजौरा ने उज्जैन न केवल बैठक ली बल्कि सिंहस्थ निर्माण कार्यों एवं सभी अखाड़ों के पेशवाई मार्गों का स्थल पर जाकर निरीक्षण किया। मेला क्षेत्र में जाकर कंट्रोल रूम, पार्किंग स्थल आदि के लिए भी जहग देखी। इस पूरे निरीक्षण में अफसर ही थे। एक भी अखाड़े के साधु-संत, महंत या महामंडलेश्वर को साथ नहीं लिया। 

 

Author: Dainik Awantika