दैनिक अवंतिका उज्जैन। कर्तव्य पालन में लापरवाही करने के साथ अनुशासनहीनता और गैर हाजिर रहने वाले 5 पुलिसकर्मियों के खिलाफ विभाग ने जांच के बाद एक्शन लिया है। एक पुलिसकर्मी को फर्जी शैक्षणिक प्रमाण पत्र के आधार पर अनुकंपा नियुक्ति प्राप्त करने का दोषी भी पाया गया है।
पुलिस विभाग में ड्युटी के दौरान गैर हाजिर रहने, कर्तव्य का पालन नहीं करने, आमजन के साथ अभ्रद व्यवहार करने और पुलिस की छवि को धूमिल करने वाले 5 पुलिसकर्मियों की शिकायत सामने आने पर विभागीय जांच शुरू की गई थी। जिसमें चिमनगंज थाने के कार्यवाहक प्रधान आरक्षक ज्ञानसिंह पर आरोप लगा था कि बिना सूचना अनुपस्थित रहते और स्टॉफ के साथ आमजन से अभद्र व्यवहार करते है। जांच में दोष साबित होने पर एक वेतनवृद्धि संचयी प्रभाव से अवतन करने का दंड विभाग की ओर से दिया गया है। प्रधान आरक्षक पर हुई कार्रवाई का असर भविष्य में वेतनवृद्धि के साथ पेंशन पर बना रहेगा। दूसरी कार्रवाई पुलिस लाइन में पदस्थ आरक्षक रवि ग्वाल के खिलाफ विभाग द्वारा की गई। आरक्षक अनाधिकृत रूप से लगातार गैर हाजिर होना पाया गया। विभाग ने उसकी भी वेतनवृद्धि संचयी कर दंड दिया है। चिमनगंज थाने में पदस्थ कार्यवाहक प्रधान आरक्षक हितेश कटारा ड्युटी के दौरान शराब के नशे में पाया गया था। उसकी वेतनवृद्धि संचयी करने का दंड दिया गया है। पुलिस लाइन में पदस्थ कार्यवाहक एएसआई किशोर इक्का के गैर हाजिर रहने पर विभाग द्वारा जांच की गई थी। जिसमें दोषी साबित हुए है। लेकिन स्वास्थ्य कारणों के चलते उन्हे एक हजार के अर्थदंड से दंडित किया गया है। पुलिस विभाग की ओर से लाइन में पदस्थ आरक्षक अजहरउद्दीन द्वारा फर्जी शैक्षणिक प्रमाण पत्र के आधार पर अनुकंपा नियुक्ति पाने की शिकायत पर जांच शुरू की थी। जिसमें शैक्षणिक प्रमाण-पत्र फर्जी होना सामने आने के बाद सेवा से पदच्युत (सेवा से हटाया) किया गया है। पुलिस विभाग की ओर से बताया गया है कि कर्तव्य पालन में लापरवाही बरतने वाले कर्मचारियों पर नियमानुसार कार्रवाई आगे भी जारी रहेगी।