इंदौर में ऑटोमोबाइल सेक्टर में जोरदार उछाल, आरटीओ में 17 हजार से अधिक वाहन रजिस्टर्ड हुए

इंदौर। इंदौर में इस साल के पहले महीने में ऑटोमोबाइल सेक्टर ने जोरदार उछाल देखा। जनवरी माह में आरटीओ में 17 हजार से अधिक वाहन रजिस्टर्ड हुए, जिनमें 11 हजार दोपहिया वाहन और 5 हजार से अधिक कारें शामिल हैं। यह संख्या प्रदेश में सबसे ज्यादा है। खास बात यह है कि ग्वालियर में मेला लगने के बावजूद लोगों ने सबसे ज्यादा वाहन इंदौर से ही खरीदे हैं।परिवहन विभाग के अनुसार, ग्वालियर मेले में भी महंगी कारें सबसे ज्यादा इंदौर के लोग ही खरीद रहे हैं। पिछले साल इंदौर में दो लाख से अधिक वाहन बिके थे। परिवहन विभाग के मुताबिक, इस साल जनवरी में इंदौर में सभी कैटेगरी के कुल 17,753 वाहन रजिस्टर्ड हुए, जो प्रदेश में सबसे अधिक हैं। इसके बाद ग्वालियर का स्थान है, जहां रजिस्टर्ड शुल्क में 50 प्रतिशत तक की छूट के चलते अधिक वाहन बिके। इंदौर ऑटोमोबाइल डीलर्स एसोसिएशन के पदाधिकारियों का कहना है कि इस साल ऑटोमोबाइल सेक्टर में 18 प्रतिशत से अधिक ग्रोथ की उम्मीद है। खास बात यह है कि जनवरी में ईयर एंड के बावजूद लोगों ने अधिक वाहन खरीदे।इंदौर में वाहनों की संख्या अब 32 लाख 25 हजार से ज्यादा हो गई है, जो शहर के लगभग 28 लाख वोटरों से भी अधिक है।

डीलरों का कहना है कि सरकार ने बजट में इलेक्ट्रिक वाहनों पर छूट दी है। इस साल कई वाहन निर्माता कंपनियों के बहुप्रतीक्षित मॉडल भी लॉन्च होंगे। इसलिए उम्मीद है कि 2025 में इंदौर आरटीओ में सवा दो लाख से अधिक वाहन पंजीकृत हो जाएंगे।वहीं परिवहन विभाग के अधिकारियों का अनुमान है कि इस साल अक्टूबर और नवंबर में 30 हजार से ज्यादा बिकने की संभावना है। क्योंकि यह त्यौहारी सीजन होते है। बता दें कि पिछले साल अक्टूबर में 26 हजार 413 तो नवंबर में 26 हजार 437 वाहन बिके थे।

ऑटोमोबाइल एक्सपर्ट्स का कहना है कि ग्वालियर भले ही दूर है, लेकिन उज्जैन में भी पिछले साल व्यापार मेला लगा था, जहां रजिस्टर्ड शुल्क में 50 प्रतिशत तक छूट दी गई थी। इसके बावजूद इंदौर की वाहन बिक्री पर कोई खास असर नहीं पड़ा। करीब 28 लाख वोटरों वाले इंदौर शहर में वाहन संख्या वोटरों से अधिक हो गई है। बीते 10 साल में दोगुनी रफ्तार से बढ़ती आबादी और वाहनों के कारण शहर की अधिकांश सड़कें जाम से जूझ रही हैं। सुबह 9 बजे से दोपहर 2 बजे तक और शाम के समय ट्रैफिक जाम की स्थिति सामान्य हो गई है।

 

Author: Dainik Awantika