उज्जैन में अंडर ग्राउंड सिस्टम वाली कुंभ नगरी बसाने का बड़ा प्लान – सरकार करोड़ों रुपए के खर्च से करने जा रही निर्माण -सबसे खास बात इसमें स्थाई निर्माण किए जा सकेंगे 

दैनिक अवंतिका उज्जैन। 
उज्जैन में अंडर ग्राउंड कुंभ नगरी बसाने को लेकर बड़ा प्लान तैयार किया जा रहा है। इसमें सरकार करोड़ों रुपए खर्च करेगी। इस कुंभ नगरी की कई खासियत होगी। यह पुरानी कुंभ नगरी से काफी हाईटेक रहेगी। कुंभ नगरी के लिए 2378 हेक्टेयर के आसपास जमीन पर इसे बसाने का प्लान है।  उज्जैन विकास प्राधिकरण को इसके निर्माण की जिम्मेदारी दी जाएगी। इसमें अनुमानति 2 हजार करोड़ रुपए खर्च किए जा सकते हैं।
जानकारी के मुताबिक इसमें रोड में जितने भी सिवरेज होंगे व सभी अंडर ग्राउंड होंगे। गंदे पानी की निकासी, ट्रीटमेंट की व्यवस्था की जाएगी। वाटर सप्लाई सिस्टम, स्टॉर्म वाटर लाइन भी बनाई जाएगी, जो बारिश के पानी की निकासी करेगी। इलेक्ट्रिक लाइनें भी अंडर ग्राउंड रहेगी। रोड साइड खंभों पर कोई भी तार झूलते हुए नजर नहीं आएंगे। इतना नहीं कुंभ नगरी में इंटर कनेक्टेड चौड़ी सड़कें, डिवाइडर, अंडर ग्राउंड लाइट, अस्पताल, स्कूल तक बनाए जाएंगे। इसकी एक और खास बात ये रहेगी इसमें जितने भी निर्माण किए जाएंगे सभी स्थायी होंगे। जबकि पुरानी कुंभ नगरी क्षेत्र में स्थाई निर्माण की अनुमति नहीं होती है। 
हर 12 वर्ष में सिंहस्थ मेला क्षेत्र के 
डेवलप पर करोड़ों रुपए खर्च होते हैं 

मप्र की सरकार हर 12 वर्ष में लगने वाले सिंहस्थ मेले के लिए पुराने सिंहस्थ मेला क्षेत्र को डेवलप करने के लिए करोड़ों रुपए खर्च करना पड़ते हैं। इस बार सरकार ने विचार किया है कि यदि स्थाई रूप से एक कुंभ नगरी का निर्माण किया जाए तो बार-बार सिंहस्थ मेला क्षेत्र पर किए जाने वाला बड़ा खर्च बचेगा। जिससे अन्य विकास के कार्य किए जा सकेंगे। साथ ही शहर में हर बार अस्थायी निर्माण नहीं करने पड़ेंगे। सिंहस्थ 2028 को देखते हुए ही इस प्लान पर विचार किया जा रहा है। 

200 फीट तक चोड़ी होगी यहां पर सड़के

– स्थायी कुंभ नगरी बसाने के लिए उज्जैन विकास प्राधिकरण 1806 किसानों की करीब 5000 सर्वे वाली जमीन का उपयोग करेगा। 

– सिंहस्थ भूमि पर स्थायी सड़कें, बिजली के पोल और अन्य निर्माण कार्य किए जाएंगे।

– इस कुंभ नगरी में 60 से 200 फीट तक चोड़ी सड़कें बनेगी। 

– ये सारी सड़के इंटर कनेक्ट भी रहेंगी। इससे श्रद्धालु सरलता के साथ कुंभ क्षेत्र में आ-जा सकेंगे। 

– जिला प्रशासन को भी भीड़ नियंत्रण में परेशानी नहीं आएगी। भीड़ कम करने के लिए यातायात डायवर्ट कर सकेंगे। 

Author: Dainik Awantika