दस घंटे में पूरी हो जाएगी उज्जैन से दिल्ली मुंबई की यात्रा

एमपी का पहला एक्सेस कंट्रोल फोर लेन उज्जैन जावरा का बनाया जा रहा है हाईवे
सिंहस्थ में आने जाने वाले लोगों को भी नहीं होगी परेशानी

उज्जैन। आगामी सिंहस्थ को लेकर सूबे की डॉक्टर मोहन यादव सरकार विभिन्न विकास कार्यों को कर रही है वहीं अब उज्जैन से दिल्ली मुंबई के सड़क यात्रा को भी आसान बनाने की तैयारी है।  दरअसल उज्जैन जावरा हाईवे बनाया जा रहा है और इसके बनने के बाद न केवल उज्जैन से दिल्ली मुंबई की यात्रा दस घंटे में ही पूरी हो सकेगी वहीं आगामी सिंहस्थ में आने वाले यात्रियों को भी परेशानी का सामना नहीं करना पड़ेगा। जो हाईवे बनाया जा रहा है वह मध्य प्रदेश का पहला एक्सेस कंट्रोल फोर लेन होगा।

गौरतलब है कि सिंहस्थ को देखते हुए मप्र में पहला एक्सेस कंट्रोल फोर लेन उज्जैन-जावरा हाईवे बनाया जा रहा है। इसके बनने से उज्जैन से दिल्ली-मुंबई की यात्रा मात्र 10 घंटे में पूरी हो जाएगी, वहीं हरियाणा, राजस्थान, गुजरात और महाराष्ट्र से उज्जैन की कनेक्टिविटी में भी सुधार होगा। साथ ही साथ 102 किलोमीटर लंबे एक्सेस कंट्रोल फोरलेन पर जगह-जगह अंडर पास (सब-वे) बनाए जाएंगे, यानी कहीं से भी कोई वाहन इस मार्ग पर नहीं आ सकेंगे।

इंदौर-हैदराबाद ग्रीन फील्ड एक्सेस कंट्रोल्ड एक्सप्रेसवे का काम काफी पहले शुरू हो चुका है। यह 525 किमी लंबा रहेगा। इसका कार्य आंशिक तौर से पूरा हो चुका है। यह मप्र के साथ ही महाराष्ट्र व तेलंगाना से होकर गुजरेगा। ऐसे में तीनों राज्यों के लिए लोगों को फायदा मिलेगा। साथ ही कोटा-इंदौर (गरोठ से उज्जैन) एक्सेस कंट्रोल्ड कॉरिडोर का निर्माण जारी है। इसकी लंबाई 135 किमी है। राजस्थान स्थित कोटा के कोचिंग सेंटरों में पढऩे वाले एमपी के बच्चों और उनके परिजनों को खास तौर से एक्सप्रेस वे से राहत मिलेगी। इसके अलावा कोटा-इटावा एक्सप्रेस वे भी मप्र से होकर बनेगा। यह राजस्थान व उत्तर प्रदेश से जुड़ेगा। इसकी लंबाई 412 किमी रहेगी। दिल्ली- मुंबई एक्सप्रेस वे का 244 हिस्सा एमपी में देश का सबसे लंबा दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेस वे मप्र के तीन जिलों से होकर गुजरेगा। मंदसौर, झाबुआ और रतलाम में इसका काम पूरा होने की कगार पर है। एक्सप्रेस वे की कुल लंबाई 1386 किमी है और 244 किमी हिस्सा एमपी में रहेगा। यह शुरू होने पर प्रदेश के तीन जिलों में आर्थिक विकास रफ्तार पकड़ने की संभावना है। मौजूदा स्थिति में इसका काफी काम हो चुका है। इसका फायदा दिल्ली, हरियाणा, उत्तर प्रदेश, राजस्थान, गुजरात, दादरा व नागर हवेली और महाराष्ट्र के लोगों को भी मिलेगा।

दुर्घटनाओं का खतरा कम हो जाएगा

उज्जैन-जावरा हाईवे बनने से सिंहस्थ आने-जाने वाले लोगों को बड़ी राहत मिलेगी। बताया जा रहा है कि इस सड़क का निर्माण इस तरीके से किया जाएगा कि आने वाले समय में इसे आठ लेन किया जा सके। 10 मीटर चौड़े इस सडक़ मार्ग को पेव्ड शोल्डर ग्रीनफील्ड फोर लेन हाइब्रिड एन्युटी मॉडल (एचएएम) पर बनाया जाएगा, सडक़ किनारे ब्लॉक लगाए जाएंगे। मार्ग पर सात बड़े पुल, 26 छोटे पुल, 270 पुलिया, पांच फ्लाई ओवर, दो रेलवे ओवरब्रिज बनाए जाएंगे। दिल्ली-मुंबई सुपर एक्सप्रेस-वे को पीथमपुर से जोडऩे से इस सडक़ से औद्योगिक गतिविधियां बढ़ेंगी। 102 किमी लंबे एक्सेस कंट्रोल फोर लेन में जगह-जगह अंडर पास (सबवे) होंगे, यानी इस रूट पर कहीं से भी कोई वाहन प्रवेश नहीं कर सकेगा। इससे दुर्घटनाओं का खतरा कम हो जाएगा।

Author: Dainik Awantika