खंडवा। रविवार को खंडवा स्टेशन के पास एक बड़ा हादसा टल गया। जलगांव से एक डबल डेकर मालगाड़ी गलत ट्रैक पर आ गई और 147 किमी की दूरी तय कर दोपहर 12 बजे खंडवा स्टेशन के यार्ड तक पहुंच गई। यार्ड में ओएचई लाइन से मालगाड़ी के पहले डिब्बे की छत चिपकने से बिजली सप्लाई बंद हो गई, जिससे हादसा टल गया। खास बात यह थी कि इस दौरान 18 छोटे-बड़े स्टेशनों पर मालगाड़ी को हरी झंडी दी गई थी। यह मालगाड़ी आंध्र प्रदेश के पेनुकोंडा से गुड़गांव के फारुखनगर जा रही थी। जलगांव में यह रूट से भटक गई थी, जबकि इसे अमलनेर, गुजरात-राजस्थान होते हुए फारुखनगर जाना था। रेलवे कंट्रोलर भुसावल की गलती से यह खंडवा स्टेशन तक पहुंच गई। शाम 5 बजे ओएचई की ऊंचाई बढ़ाकर मालगाड़ी को इटारसी की बजाय भुसावल की ओर रवाना किया गया। ट्रेन की 33 बोगियों में कुल 264 एसयूवी गाड़िया थी। इनकी अनुमानित कीमत 66 करोड़ के करीब है। आग लगती तो एसयूवी जलकर खाक हो जाती। खंडवा में रेलवे का यार्ड भी जल जाता। सेंट्रल रेलवे के सीपीआरओ डॉ. स्वप्निल नीला ने बताया कि मामले की जांच शुरू कर दी गई है। इससे ट्रेनों की आवाजाही पर कोई असर नहीं पड़ा है।