लग्जरी सरकारी वाहनों का उपयोग अब घरेलू तौर पर नहीं कर सकेंगे अफसर

एक वाहन खुद के पास तो दूसरा वाहन पत्नी और बच्चों के लिए
अब अफसरों की मनमानी पर लगाम कसेगी मोहन सरकार

उज्जैन। ऐसा नहीं है कि उज्जैन जिले के सरकारी अफसरों को सरकारी लग्जरी वाहनों का सुख नहीं मिलता हो निश्चित ही मिलता है और वह भी एक नहीं बल्कि दो या तीन-तीन वाहनों का ! लेकिन होता यह है कि अफसरों द्वारा एक वाहन तो खुद के लिए रखा जाता है लेकिन दूसरा वाहन पत्नी और बच्चों के काम में आता है अर्थात दूसरे वाहन की तैनाती बंगले में इसलिए की जाती है ताकि उसका उपयोग घरेलू तौर पर किया जा सके लेकिन अब ऐसा नहीं होगा क्योंकि सूबे की मोहन सरकार अफसरों की वाहनों के उपयोग में होने वाली मनमर्जी पर लगाम कसने की तैयारी कर रही है।

बता दें कि उज्जैन जिले के साथ ही प्रदेश में अफसरों द्वारा अपने अधिकारों का दुरुपयोग करते हुए एक से अधिक सरकारी लग्जरी वाहनों के काफिले का उपयोग मनमर्जी से किया जाता है। इससे जहां सरकार को राजस्व का नुकसान होती है , वहीं कई अधीनस्थ अफसरों को वाहनों के लिए परेशान होना पड़ता है। दरअसल आला अफसरों के पास कई-कई विभागों का प्रभार होता है। ऐसे में यह अफसर सभी विभागों का एक-एक वाहन अपने पास तैनात करा लेते हैं। एक वाहन का तो वे खुद उपयोग करते हैं, जबकि अन्य वाहनों का उपयोग घरेलू तौर पर किया जाता है, जिसमें पत्नी और बच्चे शामिल होते हैं। इन वाहनों से खरीदारी करने से लेकर अन्य कामों के दौरान उपयोग किया जाता है। यही वजह है कि अब सरकार अफसरों की इस मनमानी पर सख्ती से लगाम लगाने जा रही है। इसके लिए मैदानी अफसरों के पास मौजूद वाहनों की समीक्षा की जाएगी। यही वजह है कि इसके लिए अब सरकार ने नए सिरे से गाइडलाइन जारी की है।

हर संभाग में समीक्षा को कहा है

10 फरवरी 2025 को सभी मुख्य अभियंता, कार्यपालन-सहायक व प्रभारी यंत्री, कछार प्रभार, जोन प्रभारी, संभागीय प्रभारी सहित मैदानी अफसरों को गाड़ियों के लिए गाइडलाइन भेजी है। उन्हें हर संभाग में समीक्षा को कहा है। मैदानी अफसरों को निर्देश हैं कि टैक्सी कोटे से जो गाड़ी ली जाएगी, उसका मालिक प्रथम या द्वितीय श्रेणी के अफसर का रिश्तेदार नहीं होगा। ऐसा हुआ तो भुगतान से दोगुनी राशि वसूली जाएगी। स्कार्पियो-बोलेरो नहीं ली जाएगी। वरिष्ठता के हिसाब से गाड़ी ली जाएगी। चालक राजनीतिक दल का सदस्य नहीं होगा, किराये की गाड़ी सरकारी अफसर या ड्राइवर नहीं चलाएंगे।

Author: Dainik Awantika