इस बार शिव नवरात्रि 10 दिन, 30 साल  के बाद बन रहा पर्व पर विशेष संयोग  – 17 जुलाई से शुरू होगी, कई खास योग भी बनेंगे, हर दिन होंगे नए शृंगार, देशभर से उमड़ेंगे लाखों श्रद्धालु 

दैनिक अवंतिका उज्जैन। 

महाकाल मंदिर में महाशिवरात्रि पर्व से पूर्व वर्ष में एक बार मनाई जाने वाली शिव नवरात्रि इस बार नौ नहीं 10 दिन की रहेगी। ऐसा एक तिथि में वृद्धि होने की वजह से होगा। शिव नवरात्रि के दौरान कई खास योग-संयोग भी बन रहे हैं। 30 साल के बाद विशेष योग में पर्व मनाया जाएगा।  17 फरवरी से शिव नवरात्रि का पर्व प्रारंभ हो जाएगा। 

उज्जैन के ज्योतिषाचार्य पंडित अमर डब्बावाला ने बताया कि इस बार की शिव नवरात्रि कई मायनों में खास बताई जा रही है। एक तो तिथि वृद्धि के कारण यह दस दिन की होगी और इस अवधि में नक्षत्रों और योगों का विशेष संयोग अलग बन रहा है। शिव नवरात्रि का आरंभ मुद्गर योग में हो रहा है, जो इसे और भी महत्वपूर्ण बना देगा। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार इस विशेष काल में भगवान शिव की पूजा-आराधना करने से साधक को धर्म, अर्थ, काम और मोक्ष चारों पुरुषार्थों की प्राप्ति होती है।

कई दशकों में बनते हैं ऐसे योग-संयोग

इस खास योग-संयोग में शिव पूजन से सभी मनोकामना पूरी होती है। हर शिव भक्त को इसमें पूजा उपासना करनी चाहिए। महाकाल मंदिर में भी शिव नवरात्रि का 10 दिन अनुष्ठान विशेष ग्रहों की साक्षी में होगा। ऐसे योग दशकों के बाद बनते हैं। इस योग में भगवान शिव का पार्थिव पूजन, मूर्ति पूजन, शिवलिंग पूजन या ध्यान पूजन करने से भौतिक और सांसारिक कल्याण की प्राप्ति होती है। 10 दिन की शिव नवरात्रि के चलते 10 दिन तक भगवान महाकाल का विशेष श्रृंगार होगा। इस बार सप्तमी दो दिन होने के चलते गृह नक्षत्र तिथि के कारण तीन दशक के बाद दस दिन का शिव नवरात्रि पर्व मनाया जाएगा। प्रतिदिन हजारों श्रद्धालु दर्शन के लिए उमड़ेंगे।

ऐसे हो रही नवरात्रि 9 की जगह 

10 दिन, मंदिर में चल रहा मंथन 

महाकाल मंदिर में शिव नवरात्रि 17 फरवरी सोमवार को पंचमी तिथि से शुरू होगी, जो 26 फरवरी महाशिवरात्रि तक रहेगी। शिव नवरात्रि में 10 दिन का विशेष संयोग करीब 30 साल बाद आया है। हालांकि, महाकाल मंदिर ग्वालियर पंचांग से चलता है इसलिए मंदिर के पुजारी इस पर मंथन करने के बाद निर्णय लेंगे कि मंदिर में शिव नवरात्रि दस दिन की मनाए या नौ दिन। शिव नवरात्रि में शश योग की विशेष मान्यता है। यह योग शनि के केंद्र में होने से बनता है। इस योग को अति शुभ माना जाता है। ऐसी भी मान्यता है कि इस योग में की गई साधना से सभी मनोकामना पूरी होती है।

 

Author: Dainik Awantika